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इंदौर में बन रहे एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट में मिक्स गीले कचरे से बनाएंगे खाद

 इंदौर में तैयार हुए एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट का उद्घाटन 19 फरवरी को संभावित है। इस प्लांट के उदघाटन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअल तरीके से शामिल होंगे। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रत्यक्ष रुप से इसके उदघाटन समारोह में शामिल होंगे। नगर निगम द्वारा इस प्लांट को जीरो वेस्ट तकनीक के आधार पर तैयार किया जा रहा है। इसमें प्लांट में गीले कचरे से बायो सीएनजी व खाद तैयार की जाएगी।

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इसके बाद भी एक फीसद गीले कचरे में आने वाले प्लास्टिक, लकड़ी के सूखे कचरे की छंटाई के लिए अलग से प्रोसेसिंग यूनिट तैयार की जाएगी। अभी तक शहर में मौजूद दोनों बायो सीएनजी प्लांट में गीले कचरे में मिक्स कचरा आने पर उसका उपयोग खाद बनाने के लिए नहीं किया जाता था। इस वजह से ऐसे कचरे को नष्ट करना पड़ता है। ऐसे में बायो सीएनजी प्लांट में अतिरिक्त यूनिट में गीले के कचरे के साथ आने वाले सूखे कचरे जिससे खाद नहीं बनाई जा सकती है। उसकी छंटाई कर कम्पोस्ट खाद बनाई जाएगी और उसके बाद सूखे कचरे को अलग किया जाएगा।

45 दिन तक मिक्स कचरे को जैविक खाद बनाने के लिए रखेंगे

ट्रेचिंग ग्राउंड के बायो सीएनजी गैस प्लांट में गीले कचरे के साथ आने वाले सूखे कचरे के आने के कारण उससे खाद बनाना संभव नहीं होता है। इस तरह के कचरे का उपयोग जैविक खाद बनाने के लिए किया जाएगा। प्लांट में इसके लिए एयर डेंसिटी सेपरेटर यूनिट लगाई जाएगी। मिक्स गीले कचरे को 45 दिन तक एक यूनिट में जैविक खाद बनाने के लिए छोड़ा जाएगा। जब गीला कचरा गल जाएगा। उसके बाद प्लांट में फिल्टर के माध्यम से गीले कचरे में से ईट-पत्थर, लकड़ी व प्लास्टिक को अलग किया जाएगा।

– 150 करोड़ की लागत से ट्रेचिंग ग्राउंड में तैयार हुआ बायो सीएनजी प्लांट।

-16 एकड़ पर बनाया गया है यह प्लांट।

– 65 कर्मचारी इस प्लांट में करेंगे काम।

– 550 किलो गीले कचरे से 1750 किलो बायो सीएनजी एक दिन में होगी तैयार।

– 95 फीसद शुद्धता वाली बायोमीथेन गैस वाहनों व उद्योगों को उपयोग के लिए दी जाएगी।

– 400 सिटी बस को यहां तैयार होने वाली बायो सीएनजी गैस से चलाने की है योजना।

– 50 फीसद बायो सीएनजी निगम को बसों के संचालन के लिए बाजार मूल्य से पांच रुपये कम कीमत में दी जाएगी।

– 100 टन खाद प्रतिदिन होगी तैयार। गीले कचरे से गैस बनने के बाद बचे हुए स्लज से खाद तैयार होगी।

– 4 रुपये प्रतिकिलो कीमत पर जैविक खाद तैयार किसानों की दी जाएगी। बेची जाएगी।

– 50 काम्पेक्टर के माध्यम से ट्रेचिंग ग्राउंड के प्लांट में एक दिन में पहुंचेगा गीला कचरा।

https://www.highratecpm.com/npsxwf16?key=565d06ab35720384afe881c0e7364770