Wednesday, September 17, 2025
25.1 C
Bhopal

बस अधिग्रहण घोटाला: मध्य प्रदेश में करोड़ों के भ्रष्टाचार पर उठा सवाल

भोपाल: मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह को एक खुला पत्र भेजकर वरिष्ठ नागरिक भूपेंद्र कुमार जैन ने राज्य में हुए बस अधिग्रहण घोटाले की गहन जांच की मांग की है। पत्र में पूर्व परिवहन मंत्रियों भूपेंद्र सिंह और गोविंद राजपूत की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं।

पत्र में उल्लेख किया गया है कि परिवहन विभाग के अधिकारियों पर ईडी, ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त और इनकम टैक्स विभाग द्वारा कई छापे मारे गए, जिसमें करोड़ों रुपये की संपत्ति बरामद हुई है। जैन ने दावा किया कि पूर्व परिवहन आयुक्त शैलेंद्र श्रीवास्तव, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संतोष पाल और हाल ही में सौरभ शर्मा से जुड़े मामलों ने विभाग में फैले भ्रष्टाचार को उजागर किया है।

बस अधिग्रहण घोटाले के गंभीर आरोप

पत्र के अनुसार, बस अधिग्रहण के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये की राजस्व हानि हुई। इसमें परिवहन अधिकारियों और बिचौलियों द्वारा नियमों की अनदेखी कर मनमाने तरीके से बस अधिग्रहण किया गया और फर्जी ट्रेवल एजेंसियों के माध्यम से भुगतान प्राप्त किया गया।

क्या है बस अधिग्रहण घोटाला?

परिवहन विभाग द्वारा विभिन्न सरकारी आयोजनों और यात्राओं के लिए निजी बसों का अधिग्रहण किया जाता है। आरोप है कि इस प्रक्रिया में फर्जी ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से वाहनों की हेराफेरी कर करोड़ों रुपये का गबन किया गया। शिकायतकर्ता का दावा है कि—

✅ फर्जी ट्रेवल एजेंसियों के नाम पर भुगतान किया गया।

✅ कई वाहनों की बैठक क्षमता व किलोमीटर रीडिंग में हेरफेर किया गया।

✅ परिवहन अधिकारियों और ट्रेवल एजेंसियों की मिलीभगत से बिल फर्जी तरीके से पास कराए गए।

✅ कई वर्षों से इस घोटाले की शिकायतें दर्ज होने के बावजूद कोई जांच पूरी नहीं हुई।

ईडी, ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त के छापों से भ्रष्टाचार उजागर

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि पिछले कुछ वर्षों में प्रवर्तन निदेशालय (E.D.), आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW), लोकायुक्त और आयकर विभाग द्वारा परिवहन विभाग के अधिकारियों पर छापेमारी की गई है, जिसमें करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति उजागर हुई।

कुछ प्रमुख उदाहरण:

▶ पूर्व परिवहन आयुक्त शैलेन्द्र श्रीवास्तव – करोड़ों की संपत्ति जब्त।

▶ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संतोष पाल – बेहिसाब संपत्ति के आरोप।

▶ सौरभ शर्मा और उनके सहयोगियों – लगातार चर्चा में।

▶ खंडवा आरटीओ कार्यालय में हाल ही में रिश्वत लेते अधिकारी गिरफ्तार।

विधानसभा में भी उठा मुद्दा

शिवपुरी विधायक कैलाश कुशवाहा ने भी विधानसभा में इस घोटाले को लेकर प्रश्न उठाया था। लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियों ने मंत्री को भ्रमित कर गुमराह किया और जांच को दबा दिया, ऐसा पत्र में दावा किया गया है।

क्या कहती हैं सरकारी फाइलें?

शिकायतकर्ता के पास मौजूद दस्तावेजों के अनुसार, परिवहन मंत्रालय, परिवहन आयुक्त कार्यालय ग्वालियर और क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल के बीच वर्षों से बस अधिग्रहण घोटाले पर पत्राचार हुआ, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

🚨 मुख्य सवाल:

▶ जब घोटाले की शिकायतें, विधायक के पत्र और मीडिया रिपोर्ट्स मौजूद हैं, तो जांच से बचाव क्यों?

▶ फर्जी ट्रेवल एजेंसियों को भुगतान करने वाले अधिकारी कौन हैं?

▶ घोटाले की फाइलें गायब करने के पीछे कौन जिम्मेदार?

सीनियर सिटीजन का मंत्री को खुला चैलेंज

71 वर्षीय शिकायतकर्ता ने परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह को न्यूज चैनल पर खुली बहस के लिए आमंत्रित किया है और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एसआईटी जांच की मांग की है। उन्होंने कहा—

“अगर सरकार SIT बनाकर निष्पक्ष जांच कराती है, तो मैं पूरा सहयोग देने को तैयार हूं। लेकिन अगर जांच नहीं हुई, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि सरकार भी घोटालेबाजों को बचा रही है।”

क्या होगी सरकार की अगली कार्रवाई?


अब सवाल यह है कि क्या उदय प्रताप सिंह इस घोटाले की निष्पक्ष जांच करवाएंगे, या फिर यह मामला भी पूर्व परिवहन मंत्रियों की तरह दबा दिया जाएगा?

Hot this week

17 सितंबर 2025 MP की फटाफट बड़ी खबरें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने जन्मदिन पर मध्य...

Topics

17 सितंबर 2025 MP की फटाफट बड़ी खबरें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने जन्मदिन पर मध्य...

भोपाल में डंपर और यात्री बस की टक्कर

भोपाल के खजूरी सड़क थाना इलाके में 11 मील...

हेड कांस्टेबल ने की युवक से मारपीट

इंदौर के बड़ा गणपति पर एक हेड कांस्टेबल का...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img