जबलपुर के सुरक्षा संस्थानों को भी केंद्रीय बजट में मेक इन इंडिया अभियान के तहत मिलेगा बल
पांच सुरक्षा संस्थानों से परिपूर्ण जबलपुर के सुरक्षा संस्थानों को मजबूत करने के लिए बजट में डिफेंस क्लस्टर की दरकार थी। लेकिन केंद्रीय बजट में आयुध निर्माण व देश की सुरक्षा के संदर्भ में जो प्रविधान किए गए हैं। इससे जबलपुर के सुरक्षा संस्थानों को भी संजीवनी मिल गई है। बजट में किए गए प्रविधानों को सीधा असर जबलपुर की आयुध निर्माणियों को भी मिलेगा। जबलपुर के सुरक्षा संस्थानों को नए पंख लगेंगे।
केंद्रीय बजट में रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान के क्षेत्र में स्टार्टअप्स को मौका दिया जाएगा। निजी उद्योंगो को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे जबलपुर की आर्डनेंस, जीसीएफ, वीकल, जीआइएफ सहित चार फैक्टियों को बल मिलेगा आयुध निर्माणियों की उत्पादन प्रणाली मजबूत होगी। जबलपुर की निर्माणियों में भी अाधुनिक मारक क्षमता वाली बम, गोला बारूद, तोप, वाहन आदि तैयार हो पाएंगे। इससे देश के रक्षा क्षेत्र को भी नई ताकत मिलेगी।
आइटी पार्क में निवेश की संभावनाएं बढ़ी: बजट में रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया अभियान के तहत घरेलू उद्योगों को बढ़ावा घरेलू स्तर पर क्षमता विस्तार के लिए रक्षा क्षेत्र को बड़ी मदद की जाएगी। रक्षा क्षेत्र में रिसर्च, एआई और एसपीवी को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। बजट में रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान के क्षेत्र में स्टार्टअप्स की बात की कही जा रही। इससे कहीं-कहीं जबलपुर का आइटी पार्क मददगार साबित हो सकता है। रक्षा के क्षेत्र के लिए आधुनिक उपकरण, हार्डवेयर, साफ्टवेयर तैयार करने में आइटी पार्क विशेष भूमिका निभा सकता है। रक्षा क्षेत्र में निजी उद्योंगो को प्रोत्साहित किए जाने से नए निवेश की संभावनाओं को भी बल मिलेगा।
जबलपुर में निर्मित धनुष, सारंग तोप का मुरीद हुआ देश: विदित हो कि जबलपुर की जीसीएफ फैक्ट्री में निर्मित धनुष तोप ने देश भर में नाम कमाया है। इसकी खासियत ये है कि इसे 60 डिग्री तक राउंडअप कर सकते हैं। सात से 10 किमी तक ये खुद ही जा सकती है। 155 एमएम व 45 कैलिबर की धनुष तोप 38 से 40 किमी तक दूर स्थित निशाने को सटीक तरीके से भेद सकती है। इसके अलावा जबलपुर के सुरक्षा संस्थानों में तैयार सारंग तोप भी अपनी सटीक मारक क्षमता के लिए विख्यात हो चुकी है। इसके अलावा 40 एमएम एल-70 एंटी एयरक्राफ्ट गन, 105 एमएम लाइट फील्ड गन, मोर्टार, 125 एमएम टैंकभेदी बम, 84 एमएम बम, थाउजेंड पाउंडर बम, 250 किलो एयर बम, 40 एमएम एल-70 बम, 30 एमएम बीएमपी-2 बम, ग्राउंड माइन्स, 100-120 किग्रा एरियल बम, हैंड ग्रेनेड बम बॉडी, सुरंगरोधी वाहन, एलपीटीए, स्टालियन सैन्य वाहन, बुलेटपु्रफ वीकल्स, वाटर वाउजर आदि भी जबलपुर के सुरक्षा संस्थानों में तैयार किए जाते है जो युद्ध के मैदान में दुश्मनों के दांत खट्टे कर सकते हैं।