रिश्वतखोरी के मामले में विशेष अदालत ने पटवारी को चार साल कैद की सजा सुनाई। पटवारी ने जमीन के नामांतरण के लिए रिश्वत की मांग की थी। कोर्ट के फैसले के बाद पटवारी को भैरवगढ़ जेल भेज दिया गया।
लोकायुक्त एसपी से शिकायत की थी
जिला अभियोजन अधिकारी मनोज कुमार पाठक ने बताया कि फरियादी नंदकिशोर पाटीदार निवासी ग्राम गजनीखेड़ी ने 29 अगस्त 2016 को लोकायुक्त एसपी से शिकायत की थी। शिकायत के अनुसार उसकी 26 बीघा जमीन ग्राम गजनीखेड़ा एवं ग्राम माधोपुरा में है।
30 हजार रुपये की रिश्वत मांगी
जमीन के नामांतरण व खसरा बी-1 निकलवाने के लिए उसने हल्का पटवारी राजेंद्र मांझी से बात की थी। इसके एवज में वह 30 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था। शिकायत की तस्दीक वाइस रिकार्डर के माध्यम से एसपी ने करवाई थी।
17 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया
31 अगस्त 2016 को निरीक्षक दिनेश रावत ने पटवारी राजेंद्र मांझी को फरियादी नंदकिशोर पाटीदार से 17 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। राजेंद्र ने रिश्वत के रुपये शर्ट की जेब में रख लिए थे। लोकायुक्त टीमन ने राजेंद्र के हाथ व शर्ट को धुलवाया तो वे गुलाबी हो गए थे। कोर्ट ने सोमवार को पटवारी राजेंद्र मांझी को को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 13(2) में चार साल कैद व 34 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।