भोपाल से दौड़ने लगे 125 CNG वाहन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को भोपाल शहर के लिए कुल 43 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें प्रमुख सीएनजी वाहन, स्वीपिंग मशीनें, कचरा स्टेशन, प्लास्टिक वेस्ट प्लांट भी शामिल हैं। सवा सौ सीएनजी गाड़ियों को सीएम डॉ. यादव ने हरी झंडी भी दिखाई। इसके बाद गाड़ियां वार्डों की ओर रवाना हो गईं।
गांधी जयंती के मौके पर कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर (मिंटो हॉल) में कार्यक्रम हुआ। सीएम डॉ. यादव ने स्वच्छता दिवस कार्यक्रम से शहर की स्वच्छता, पर्यावरण सुरक्षा एवं स्वच्छता सेवाओं के विस्तार के लिए विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। मंच पर प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप, मंत्री विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, प्रतिमा बागरी, सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवानदास सबनानी, महापौर मालती राय, निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी भी मौजूद थे।
अनुकंपा नियुक्ति पत्र भी दिए कार्यक्रम में 26 पात्र आवेदकों को अनुकंपा नियुक्ति पत्र भी दिए गए। नियुक्ति पत्र मिलते ही कर्मचारी खुश हो गए
इनका लोकार्पण/भूमिपूजन किया
- नवीन गारबेज ट्रांसफर स्टेशनों का निर्माण: 3 जगह पर 17 करोड़ 74 लाख रुपए की लागत से नए ट्रांसफर स्टेशन बनाए गए हैं। इससे शहर में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था में सुधार होगा और शहर की स्वच्छता में बढ़ोतरी होगी।
- नए CNG डोर-टू-डोर वाहन: 125 सीएनजी वाहन 8 करोड़ 75 लाख रुपए से खरीदे गए हैं। ये वाहन घर-घर कचरा इकट्ठा करने के लिए उपयोग में लाए जाएंगे। जिससे प्रदूषण कम होगा और साफ-सफाई में सुधार होगा।
- रोड स्वीपिंग मशीनें: 6 रोड स्वीपिंग मशीनों की खरीद की गई है। जिनमें से 1 का लोकार्पण किया जाएगा। 3 करोड़ 90 लाख रुपए से ये मशीनें खरीदी गई है, जो सड़कों की स्वचालित सफाई करेगी। इससे धूल भी साफ हो जाएगी।
- 6 नए हुकलोडर का लोकार्पण: 4 करोड़ 10 लाख रुपए से हुकलोडर मशीनें जनता की सेवा में समर्पित की जाएंगी। इनसे कचरा प्रबंधन और ट्रांसपोर्टेशन की दक्षता में वृद्धि होगी।
- रेंडरिंग प्लांट: आदमपुर में PPP मोड के तहत 5 करोड़ रुपए से रेंडरिंग प्लांट स्थापित किया गया है। यह पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
- प्लास्टिक वेस्ट प्लांट: आदमपुर में 3 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से प्लास्टिक कचरे के निपटान के लिए प्लांट स्थापित किया गया है। इससे शहर में प्लास्टिक कचरे को प्रबंधित करने में मदद मिलेगी।
- कोकोनट प्लांट: दानापानी में 20 लाख रुपए खर्च करके कोकोनट प्लांट की स्थापना की गई है, जो कचरे के पुन: उपयोग को बढ़ावा देगा।
- RRR ऑन व्हील: एक RRR (Reduce, Reuse, Recycle) ऑन व्हील यूनिट का लोकार्पण भी होगा। इस प्रोसेस से कचरे के पुन: उपयोग और रीसाइक्लिंग को बढ़ावा मिलेगा।
- श्रेडर मशीन और लिटर पिकिंग मशीन: सीएसआर के तहत 2 श्रेडर मशीनें और 1 लिटर पिकिंग मशीन प्रदान की गई है। जिनकी लागत 27 लाख रुपए है। इससे सफाई कार्यों में और अधिक स्वचालन आएगा।
- सार्वजनिक शौचालय का निर्माण: एक स्थान पर 23 लाख रुपए की लागत से सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया गया है। इससे स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, विशेषकर सार्वजनिक स्थानों पर।
- कबाड़ से गौशाला निर्माण: अनुपयोगी सामग्री से गौशाला का निर्माण किया है, जो एक नई और पर्यावरण के अनुकूल पहल है। यह सामाजिक और पर्यावरणीय दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।