पुलिस की लापरवाही से बरी हो गया बदमाश जुबेर मौलाना
भोपाल में पुलिस की लापरवाही से हत्या के प्रयास के मामले में आरोपी जुबैर उर्फ मौलाना को बरी कर दिया गया। कोर्ट ने अपने फैसले में जांच की खामियां का उल्लेख किया है। बताया है कि आरोपी के खिलाफ पुलिस तकनीकी साक्ष्य नहीं जुटा पाई। वहीं, फरियादी ने भी उसे पहचानने से इंकार कर दिया। जुबैर के खिलाफ बीते वर्ष सितंबर 2023 की रात भोपाल के ही एक बदमाश पर गोली चलाने के आरोप थे।
जांच की इन खामियों का मिला लाभ
पहली खामी : कोर्ट के आदेश में पैराग्राफ नंबर 14 में लिखा है कि केस के संदर्भ में जांच अधिकारी के कथनों का अवलोकन किया गया। क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान जांच अधिकारी ने स्वीकार किया है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) में फरियादी के मोबाइल नंबर का उल्लेख नहीं है। फरियादी को किस नंबर से धमकी दी गई, इसका भी उल्लेख नहीं है।
दूसरी खामी: विवेचना के दौरान जांच अधिकारी ने फरियादी नफीस का मोबाइल व सिम कार्ड जब्त नहीं किया। कॉल डिटेल के सबंध में साक्ष्य अधिनियम की धारा 63-बी का प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत नहीं किया गया। ऐसे में जुबैर मौलाना द्वारा फरियादी को मोबाइल फोन पर लड़के भेजकर मारने की धमकी दिए जाने का तथ्य स्थापित नहीं होता है।
तीसरी खामी: आर्डर के 15वें नंबर के पैराग्राफ में उल्लेख किया है कि स्वयं फरियादी नफीस उर्फ अदालत ने जुबेर मौलाना द्वारा किसी भी तरीके की घटना घटित किए जाने से इंकार किया है।
चौथी खामी: जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर कुंवर सिंह ने भी क्रॉस एग्जामिनेशन में स्वीकार किया है कि जांच के दौरान यह पाया कि घटना के समय जुबैर वहां मौजूद नहीं था। ऐसे में हत्या के प्रयास की कोशिश की ही नहीं जा सकती है।
कोर्ट का फैसला…जुबैर मौलाना दोषमुक्त
अंत में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश के चतुर्थ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंद्रशेखर जायसवाल की कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा कि जांचकर्ता आरोपी जुबैर मौलाना पर लगाए गए आरोपों को प्रमाणित करने में असफल रहे। ऐसे में जुबैर मौलाना को धारा 294, 307/34. 120बी, 427 के तहत आरोप से दोषमुक्त किया जाता है।
तस्वीर जुबैर मौलाना पर हत्या का केस दर्ज कराने वाले नफीस उर्फ अदालत की है। इसके खिलाफ भी शहर के विभिन्न थानों में प्रकरण दर्ज हैं।
2 सितंबर की रात हुई थी फायरिंग
घटना 2 सितंबर 2023 की है। दुर्गा नगर निवासी नफीस खान उर्फ अदालत का फोन पर शातिर बदमाश जुबैर मौलाना से विवाद हुआ। इसकी वजह यह थी कि नफीस ने उसके गुर्गे बबलू को फोन कर कहा था कि वह उसके भाई को जुएं की फड़ पर न बुलाया करे। इसके बाद जुबैर ने नफीस को फोन पर जान से खत्म करने की धमकी दी थी।
कुछ देर बाद रात 12.15 बजे जुबैर के इशारे पर उसके साथी सलमान, राजा और साथी ने नफीस के घर पहुंचकर उस पर गोलियां चलाईं थी। हमले में नफीस के सिर के ऊपर से गोली गुजर गई थी। मामले में जुबैर मौलाना, सलमान, राजा समेत अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था।