RSS की मीटिंग में संदेशखाली सबसे बड़ा मुद्दा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक आज यानी 15 मार्च से नागपुर में शुरू होगी। ये बैठक 17 मार्च तक होनी है। हर 3 साल में होने वाली ये मीटिंग इस बार 6 साल में हो रही है। कोरोना की वजह से 2021 में इसे टाल दिया गया था।
कयास लगाए जा रहे हैं कि मीटिंग का मेन एजेंडा लोकसभा चुनाव होगा, लेकिन दैनिक भास्कर के सूत्र बता रहे हैं कि मेन एजेंडा चुनाव नहीं, बल्कि संदेशखाली की घटना है।
RSS के एक और सूत्र ने इस बारे में डिटेल में बताया। वे कहते हैं, ‘RSS दूरगामी योजनाओं पर काम करता है। लोकसभा चुनाव पर 3 साल से चर्चा हो रही है। संघ के स्तर पर चुनाव की प्लानिंग बहुत पहले हो चुकी है और उसे जमीन पर भी उतारा जा चुका है। संघ राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक संगठन है। इसलिए ये सिर्फ चुनाव के वक्त एक्टिव नहीं होता। उसे समाज में जो बदलाव लाना होता है, उसकी योजना कई साल पहले बना ली जाती है।’
सूत्र के मुताबिक, संदेशखाली के बाद दूसरा बड़ा एजेंडा राम मंदिर का होगा। इसके अलावा मणिपुर हिंसा और संगठन के प्रचार-प्रसार की योजना पर बात होगी। बैठक में एक और बड़ा फैसला सरकार्यवाह के चुनाव पर होगा। अभी इस पद पर दत्तात्रेय होसबोले हैं।
सूत्र के मुताबिक, RSS संदेशखाली और आसपास के इलाके में महिलाओं तक सीधे पहुंचने के लिए संघ की विचारधारा पर काम करने वाले महिला संगठन राष्ट्र सेविका समिति को एक्टिव कर सकता है।
वहां जिस तरह महिलाओं के खिलाफ रेप-गैंगरेप के मामले सामने आए, उसे देखते हुए संदेशखाली ही नहीं, बल्कि बंगाल के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में महिला शाखा लगाने का प्रस्ताव भी आ सकता है।
इसका मकसद है कि महिलाएं रोज न सही तो कम से कम हफ्ते में एक बार एक जगह मिलें और किसी समस्या पर बात कर सकें। संघ के कैरीकुलम में महिलाओं के लिए सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग की भी प्लानिंग की जा सकती है। इसमें लाठी चलाना और व्यायाम प्रमुख होगा।
संघ में इस बात की चर्चा है कि संदेशखाली सिर्फ एक मामला है, जो ED की रेड की वजह से सामने आ गया। पश्चिम बंगाल में संदेशखाली जैसे दूरदराज वाले इलाकों में ऐसे मामले और हो सकते हैं। शहर से कटे एरिया में संदेशखाली की तरह कई गैंग एक्टिव होंगे, जो ऐसे काम कर रहे होंगे। वहां लोग डर की वजह से चुप हैं। इसलिए बंगाल में महिला शाखा, विश्व हिंदू परिषद और उसके कुछ और संगठन एक्टिव होंगे।