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नए कलेवर में भोपाल के गोलघर का लोकार्पण

भोपाल के गोलघर का 4 करोड़ रुपए से रिनोवेशन किया गया है। जिसका लोकार्पण शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया। उन्होंने कहा कि अतीत की धरोहर को वर्तमान से जोड़ने की यह सराहनीय कोशिश की गई है। प्राचीन ज्ञान-विज्ञान के केंद्र आज भी उपयोगी हो सकते हैं।

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भोपाल में गोलघर का मूल नाम गुलशन-ए-आलम था। जिसे 18वीं सदी में नवाब शाहजहां बेगम ने बनवाया था। गोलाकार स्वरूप के कारण इसे गोलघर के नाम से जाना जाता है। शुक्रवार दोपहर 2.30 बजे सीएम डॉ. यादव ने गोलघर के नए स्वरूप में निर्माण का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि गोलघर को देखने और इसके निर्माण की तकनीक को समझने की जरूरत है। नवसज्जा के पश्चात् निश्चित ही यह केंद्र जन आकर्षण का केंद्र बनेगा। विधायक भगवानदास सबनानी, महापौर मालती राय, पूर्व महापौर आलोक शर्मा, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी भी मंचासीन थे।

गोलघर का 4 करोड़ रुपए रिनोवेशन किया गया है।

गोलघर का 4 करोड़ रुपए रिनोवेशन किया गया है।

गोलघर जैसी इमारतों के निर्माण की अनूठी कल्पना
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गोलघर जैसी इमारतों के निर्माण के लिए अनूठी कल्पना की गई। अनेक प्राचीन निर्माण जिनमें बांध, स्मारक और‍किले शामिल हैं। यह उत्कृष्ट अभियांत्रिकी का नमूना होते हैं। जब भोजताल (भोपाल की बड़ी झील) का निर्माण किया गया तो पानी के सुविधाजनक निकास की व्यवस्था भी की गई थी। कितनी ही ज्यादा बारिश हो जाए, भोपाल की बड़ी झील सीमा नहीं तोड़ती। मितव्ययी ढंग से झील का निर्माण हुआ था। प्राकृतिक चट्टानों के उपयोग के साथ जल संपदा को सुरक्षित रखने पर ध्यान दिया गया। भोपाल की बड़ी झील का सदियों से अस्तित्व है और आगे भी रहेगा।

कार्यक्रम में मौजूद महिलाएं।

कार्यक्रम में मौजूद महिलाएं।

बेस्ट इंजीनियरिंग का उदाहरण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गोलघर में विभिन्न निर्माण श्रेष्ठ इंजीनियरिंग के उदाहरण है। इस पुरानी धरोहर को जीर्णोंद्धार के माध्यम से नया रूप दिया गया है। यह आनंदित करने वाला विषय है। यहां विभिन्न वस्तुओं की बिक्री की व्यवस्था इस केंद्र को बहुउद्देशीय बनाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में प्राचीन गायन कला चार बैत की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि कलाओं के संरक्षण के लिए कला केंद्रों का पूरा उपयोग होना चाहिए।

भोपाल के इस प्राचीन गौरव केंद्र को महिलाओं के सशक्तिकरण से जोड़ते हुए प्राचीन बाजार की कल्पना को नए रूप में साकार किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव और अन्य अतिथियों ने मध्यप्रदेश पुरातत्व, पर्यटन और संस्कृति परिषद द्वारा प्रकाशित कैलेंडर का विमोचन भी किया। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत पौधे भेंट कर किया गया।

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