रायसेन में शराब फैक्ट्री से 59 बच्चों का रेस्क्यू
रायसेन में मासूम बच्चों से शराब फैक्ट्री में काम कराने का मामला सामने आया है। शनिवार दोपहर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम ने यहां छापा मारा तो कई बच्चे काम करते मिले। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर जिला आबकारी प्रभारी, तीन आबकारी उपनिरीक्षक और श्रम निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है।
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने अपनी टीम के साथ जिन 59 बाल मजदूरों का रेस्क्यू किया, उनमें 20 लड़कियां भी शामिल हैं। ये बच्चे रायसेन और भोपाल जिले के हैं। कानूनगो ने बताया कि बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने शिकायत की थी कि फैक्ट्री में बच्चों से 15-16 घंटे तक काम कराया जा रहा है।
जिला आबकारी प्रभारी कन्हैयालाल अतुलकर, उप निरीक्षक प्रीति शैलेंद्र उईके, उप निरीक्षक शैफाली वर्मा, उप निरीक्षक मुकेश कुमार और श्रम निरीक्षक राम कुमार श्रीवास्तव को निलंबित किया गया है।
एसडीओपी ने कहा- बच्चों से बात करने के बाद सख्त कार्रवाई करेंगे
एसडीओपी प्रतिभा शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के पत्र के अनुसार कार्रवाई की जा रही है। 50 से ज्यादा बच्चों का बाल कल्याण समिति के सामने वेरीफिकेशन किया गया है। अभी जांच की जा रही है। बच्चों से बातचीत के बाद सख्त एक्शन लिया जाएगा।
आबकारी अधिकारी बोले- श्रमिकों को खाना-दवाई देने गए थे बच्चे
जिला आबकारी अधिकारी कन्हैया अतुलकर ने रायसेन कलेक्टर अरविंद दुबे को लिखे प्रतिवेदन में बताया कि जो बच्चे शराब फैक्ट्री में पाए गए, वे अपने माता-पिता को खाना और दवाइयां देने के लिए गए थे।
शुक्रवार को मंडीदीप से भी 36 बच्चों का किया गया था रेस्क्यू
इससे पहले शुक्रवार को बाल संरक्षण आयोग की टीम ने रायसेन जिले के मंडीदीप में छापा मारा था। यहां बिस्किट बनाने वाली एक फैक्ट्री में 21 बाल श्रमिक मजदूरी करते मिले। कुल 3 संस्थानों से 36 बच्चों का रेस्क्यू किया गया था। इनमें मध्यप्रदेश समेत छिंदवाड़ा और अन्य राज्यों के आदिवासी बच्चे भी होने की जानकारी मिली है।