MP से निकला यूपी में पेपर लीक का कनेक्शन
उत्तर प्रदेश में समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक कांड का भोपाल कनेक्शन सामने आया है। पर्चे भोपाल की किसी प्रिंटिंग प्रेस में छपे थे। भोपाल में प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सुनील रघुवंशी समेत आधा दर्जन लोगों को UP STF ने प्रयागराज से गिरफ्तार किया।
इन 6 आरोपियों की हुई गिरफ्तारी
1. सुनील रघुवंशी, भोपाल (मप्र)
2. सुभाष प्रकाश, मधुबनी (बिहार)
3. विशाल दुबे, प्रयागराज (यूपी)
4. संदीप पाण्डेय, प्रयागराज (यूपी)
5. अमरजीत शर्मा, गया (बिहार)
6. विवेक उपाध्याय, बलिया (यूपी)
11 फरवरी 2024 को हुई थी परीक्षा
उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग प्रयागराज ने 11 फरवरी 2024 को समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा-2023 का आयोजन किया था। इस परीक्षा के शुरू होने से पहले ही पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने की शिकायत मिली थी। जिसके बाद सरकार ने परीक्षा को निरस्त कर दी थी और यूपी एसटीएफ को इसकी जांच सौंपी थी।
भोपाल में जिस प्रिंटिंग प्रेस से पर्चे लीक होने की बात सामने आई है। सुनील रघुवंशी वहां काम करता था। उस पर पर्चा लीक कराने के आरोप है।
मामले की जांच कर रही यूपी एसटीएफ को तमाम सबूत का आकलन करने के बाद लगा कि परीक्षा केंद्र के अलावा प्रिंटिंग प्रेस से भी पेपर आउट होने की संभावना है। इस पर प्रिंटिंग प्रेस के बारे में जानकारी ली तो पता चला पेपर भोपाल से छपवाया गया था। एसटीएफ जांच में पुलिस भर्ती में पहले गिरफ्तार किए गए मास्टर माइंड राजीव नयन मिश्रा की भी कुछ दिन तक भोपाल में रहने की बात सामने आई थी।
इसके बाद जांच में बिलखिरिया भोपाल के रहने वाले सुनील रघुवंशी पुत्र रामबाबू रघुवंशी को गिरफ्तार किया गया। सुनील प्रिंटिंग प्रेस में काम करता है। जिसके बताने पर मधुबनी बिहार के रहने वाले सुभाष प्रकाश, इलाहाबाद के रहने वाले विशाल दुबे और संदीप पांडे, बलिया के रहने वाले विवेक उपाध्याय और बिहार के रहने वाले अमरजीत शर्मा को गिरफ्तार किया।
सुनील रघुवंशी को मिलाकर ऐसे आउट कराया पर्चा
प्रश्न-पत्र प्रिटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी को मिलाकर प्रिटिंग प्रेस से आउट कराया गया था। जांच में सामने आया कि राजीव नयन मिश्रा, सुभाष प्रकाश, विशाल दुबे और सुनील रघुवंशी (प्रिटिंग प्रेस कर्मी) अलग-अलग प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे। विशाल दुबे और सुनील रघुवंशी साल 2014 से 2017 तक इंजीनियरिंग कॉलेज में एक साथ पढ़ते थे।
सुनील रघुवंशी प्रिंटिंग प्रेस में मैकेनिकल इंजीनियर के पद पर नौकरी करने लगा और सुभाष प्रकाश प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में नौकरी करने लगा। विशाल दुबे और राजीव नयन मिश्रा प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में इच्छुक छात्रों का एडमिशन कराने का काम करते थे।
इसी सिलसिले में इन दोनों की सुभाष प्रकाश से जान-पहचान और दोस्ती हो गई थी। विशाल दुबे को जब पता चला कि उसके साथ का पढ़ा हुआ सुनील रघुवंशी प्रिन्टिग प्रेस में नौकरी करता है तो यह बात विशाल दुबे ने मास्टरमाइन्ड राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल और सुभाष प्रकाश को बताई। इस पर राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल ने इन दोनों से कहा कि तुम लोग सुनील रघुवंशी के संपर्क में रहो और उत्तरप्रदेश में होने वाली किसी परीक्षा का प्रश्न-पत्र छपने के लिए आता है तो इस बारे में बताने और प्रश्नपत्र को आऊट कराने के लिए सुनील रघुवंशी को तैयार करो।
विशाल दुबे ने सुनील रघुवंशी को पैसे का लालच देते हुए कहा कि यूपी में होने वाली किसी भी परीक्षा का प्रश्न-पत्र छपने के लिए आता है तो तुरन्त बताना। पैसे के लालच में आकर सुनील रघुवंशी तैयार हो गया। कुछ समय के बाद सुनील रघुवंशी ने अपने साथी विशाल दुबे को बताया कि प्रिन्टिग प्रेस में एक प्रश्न-पत्र छपने के लिए आया है, जिसमें से एक प्रश्न-पत्र में 140 प्रश्न है और दूसरे में 40 प्रश्न हैं।
इसकी चर्चा विशाल दुबे ने अपने पूर्व परिचित राजीव नयन मिश्रा और सुभाष प्रकाश से की। चूंकि समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी के पदों पर भर्ती हेतु परीक्षा की प्रक्रिया चल रही थी और पूर्व के पैटर्न के अनुसार इस परीक्षा के एक प्रश्न पत्र में 140 व दूसरे में 40 प्रश्न ही पूछे जाते हैं, इस आधार पर राजीव नयन मिश्रा और विशाल दुबे ने सुभाष प्रकाश और सुनील रघुवंशी को बताया कि यह समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा से संबंधित प्रश्न-पत्र छपने के लिए आया हुआ है।
राजीव नयन मिश्रा, विशाल दुबे और सुभाष प्रकाश ने इस प्रश्न पत्र को आऊट कराने के लिए सुनील रघुवंशी को तैयार कर लिया। सुनील रघुवंशी उक्त प्रश्न-पत्र को उपलब्ध कराने के लिए 10 लाख रुपए की मांग की और अभ्यर्थियों को पेपर भोपाल में अपने सामने पढ़वाए जाने की शर्त रखी, ताकि व्यापक रूप से प्रश्न-पत्र वायरल न होने पाये, जिस पर राजीव नयन मिश्रा, विशाल दुबे और सुभाष प्रकाश तैयार हो गए।
सुनील रघुवंशी प्रश्न-पत्र की छपाई पर नजर रखने लगा और मशीन की मरम्मत के नाम पर आस-पास रहकर सही और सुरक्षित समय का इंतजार करने लगा। 3 फरवरी 2024 को सुनील मौका देखकर प्रिन्टिग प्रेस मशीन के एक पार्ट को बाहर ठीक कराने के नाम पर अपने पीने के पानी के बोतल के साथ लेकर प्रेस से आ गया। इन्हीं में प्रश्न-पत्र छुपाकर बाहर लाया था।