साइबर अपराधियों को करते थे सिम सप्लाई, पुलिस ने पकड़ा
इंस्टाग्राम पर विज्ञापन के माध्यम से आई-फोन कम कीमत पर बेचने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले संगठित गिरोह के सरगना को फर्जी सिमकार्ड उपलब्ध कराने बाले दो आरोपियों को साइबर क्राइम ब्रांच भोपाल ने टीकमगढ़ से गिरफ्तार किया है। गिरोह के सदस्य इंस्टाग्राम पर विज्ञापन के माध्यम से आई-फोन कम कीमत पर बेचने के नाम पर संगठित गिरोह के सरगना को फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराते थे। आरोपियों द्वारा फर्जी सिम कार्ड तैयार करने के लिए KYC का इस्तेमाल किया जा रहा था। वे हाट बाजारों में छतरी लगाकर सिम बेचने के नाम पर भोलेभाले लोगों को शिकार बनाते थे। वे फर्जी सिमकार्डों को महंगे दामों में गिरोह के सरगना को मुहैया करा रहे थे।
यह थी शिकायत
13 मई को हिना खान (परिवर्तित नाम) निवासी भोपाल के द्वारा साइबर क्राइम भोपाल में लिखित शिकायत की। उन्होंने बताया कि इंस्टाग्राम पर Integrity_mobile पर मोबाइल बेचने का विज्ञापन देखा। जिसे बुक करने के बाद सामने वाले से एक वॉट्सऐप नंबर मिला। इस पर दिए निर्देशों से उन्होंने मोबाइल बुकिंग के पैसे ट्रांसफर किए। इसके बाद वाट्सऐप पर कॉल कर कस्टम-पे, रिफाइंड के नाम पर अलग-अलग माध्यम से 1 लाख 88 हजार 999 रुपए की धोखाधड़ी की गई। जिसके बाद क्राम ब्रांच ने मामला दर्ज किया था।
नीलेश यादव ( टीकमगढ ) से है यह दसवीं पास है।प
KYC अपडेट कर बेचते थे सिम
आरोपी हाट बाजार एंव भीड़भाड़ वाले स्थानों पर छतरी लगाकर सिम बेचने का काम करते हैं। वे सिम खरीदने वाले ग्राहकों को 1 सिम KYC के माध्यम से एक्टिव कर देते थे। इसके तुरन्त बाद आरोपी के द्वारा उसी ग्राहक के नाम पर KYC के माध्यम से एक अतिरिक्त सिम एक्टिव कर अपने पास रख ली जाती है और उस सिम को साइबर अपराधियों को महंगे दामों पर बेच दिया जाता है जिसके माध्यम से साइबर ठगी की जाती है। बता दें कि आरोपियों के पास से 10 मोबाइल फोन, 68 सिम कार्ड, 2 बैंक पासबुक,5 चेक बुक, 3 मोबाइल बिल बुक एवं 10 विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड जब्त किये गए है एवं अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।
यह हैं आरोपी
- शाहरुख ( टीकमगढ ) यह ग्रेजुएट है जो एजेन्ट के रूप में KYC से सिम एक्टिव कर अन्य आरोपियों को उपलब्ध करता था।
- नीलेश यादव ( टीकमगढ ) 10वीं पास है वह सिम एक्टिव चैक कर अन्य साइबर आरोपियों को उपलब्ध कराता था।
करीब 15 दिन पहले साइबर पुलिस ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, और मध्य प्रदेश से इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
करीब 15 दिन पहले इनको किया था गिरफ्तार
- आशीष यादव (दिल्ली) जो कि ग्रेजुएट है, यह इंस्टाग्राम पर विज्ञापन देने के अलावा, ग्राहकों से वॉट्सऐप के माध्यम से संपर्क करना एवं धोखाधड़ी के लिए फर्जी बिल तैयार करवाता था।
- अंकित नामदेव (झांसी) जो कि ग्रेजुएट है, वह स्वयं के नाम पर फर्जी खाते खुलवाता था।
- अंकित कुमार (झांसी) 12वीं पास है। वह फर्जी खाते खरीदकर आरोपी आषीष यादव को बेचना एवं खातों में ठगी का पैसा आने पर खातों से पैसे नगद निकालकर कमीशन काटकर अन्य खातों में जमा करता था।
- अभिषेक यादव (मध्य प्रदेश) 12वीं पास है। यह भी खुद के नाम पर फर्जी खाते खुलवाता था।
- अभिषेक (निवाड़ी मध्य प्रदेश) फर्जी खाते खरीदकर आरोपी आशीष यादव को बेचना एवं खातों में ठगी का पैसा आने पर खातों से पैसे नगद निकालकर कमीशन काटकर अन्य खातों में जमा करता था।