मंत्री पटेल के विभाग की PRO पूजा थापक सुसाइड केस, सास और पति भगोड़ा घोषित
जनसंपर्क विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के विभाग की पीआरओ पूजा थापक की मौत के बाद उनके पति और सास फरार हैं। पुलिस सभी संभावित ठिकानों पर उनकी तलाश कर रही है। दोनों आरोपियों का फरारी पंचनामा गोविंदपुरा पुलिस ने तैयार कर लिया है। आज पुलिस इसे कोर्ट में पेश करेगी। इसे बाद आरोपी मां-बेटे को भगोड़ा घोषित किया जाएगा।
प्रक्रिया के मुताबिक भगोड़ा घोषित किए जाने के आदेश पुलिस को मिलते ही दोनों आरोपियों के वॉन्टेड के पोस्टर चस्पा किए जाएंगे। एसीपी दीपक नायक ने बताया कि आरोपी मां आशा दुबे और बेटे निखिल दुबे की गिरफ्तारी ईनाम घोषित कर दिया गया है। डीसीपी श्रृद्धा दिवारी ने निखिल पर तीन हजार और अशा पर दो हजार का ईनाम घोषित किया है।
दो टीमें आरोपी मां-बेटे की तलाश में जुटी हैं। दोनों के मोबाइल स्विच ऑफ हैं। उनकी आखिरी लोकेशन भोपाल के साकेत नगर में ट्रैस की गई थी। उनकी संपत्तियों की जानकारी जुटाई जा रही है। लिस्ट मिलने के बाद कोर्ट से उद्घोषणा कराई जाएगी। इसके बाद कुर्की की कार्रवाई भी की जाएगी। दोनों के खिलाफ लुक-आउट नोटिस जारी किया गया है।
बता दें, पूजा ने 9 जुलाई को फांसी लगाकर जान दे दी थी। 16 जुलाई को पति निखिल दुबे और सास आशा दुबे के खिलाफ दहेज के लिए परेशान करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी।
दो साल पहले हुई थी निखिल-पूजा की शादी
पुलिस के मुताबिक, ग्वालियर निवासी पूजा थापक की शादी साल 2022 में भोपाल के साकेत नगर में रहने वाले निखिल दुबे से हुई थी। निखिल अरेरा हिल्स स्थित सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में सहायक संचालक है। एक साल का बेटा है।
पूजा और निखिल ने एमपीएससी क्लियर की थी।
कॉल कर कहा था- बेटी को बचा लो
फांसी लगाने से पहले पूजा ने अपनी मां को कॉल कर कहा था, ‘मां, फिर से लड़ाई-झगड़े होने लगे हैं। अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता। मैं मर रही हूं।’ फोन कट होते ही पूजा की मां घबरा गईं। उन्होंने दामाद निखिल दुबे को घटना की जानकारी दी। निखिल बेडरूम में पहुंचा तो दरवाजा अंदर से बंद था।
प्लॉट की मांग करता था आरोपी पति
पूजा के मायकेवालों ने पुलिस को दिए बयानों में बताया है कि शादी के समय 40-45 लाख रुपए खर्च किए थे। बेटी के पति और सास की मांग पर इंदौर में एक फ्लैट भी दिलाया था। उन्होंने नकद साढ़े सात लाख रुपए भी ले लिए थे। इसके बाद भी भोपाल में एक बड़ा और महंगा प्लॉट दिलाने की मांग कर रहे थे। विवाद बढ़ने पर एक बार पति-पत्नी की काउंसिलिंग भी कराई जा चुकी थी।