उज्जैन के 99 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी अमृतलाल अमृत का निधन
उज्जैन में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमृतलाल अमृत का सोमवार तड़के 4.30 बजे निधन हो गया। वे 99 वर्ष के थे। गार्ड आफ आनर के बाद उनकी अंतिम यात्रा सेठीनगर स्थित निवास से दोपहर 1 बजे निकलेगी। अंतिम संस्कार चक्रतीर्थ पर होगा। उज्जैन के 286 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की फेहरिस्त में 273 नंबर पर दर्ज 99 वर्षीय अमृतलाल अमृत ने 2018 में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर नईदुनिया से आजादी के पहले की स्मृतियों को साझा किया था। साक्षात्कार में मौजूदा शासन व्यवस्था पर नाखुशी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था-देश में न्यायाधीश, डाक्टरों और शिक्षकों की कमी ठीक बात नहीं है। सरकार को जनता की भावनाओं का ध्यान रखना चाहिए।
सत्याग्रह में शामिल होने पर स्कूल से निकाल दिया था
अमृतलाल अमृत ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि भगत सिंह का तीसरा फांसी दिवस उज्जैन में मनाया जा रहा था। उसमें शामिल होने पर उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था। उस वक्त वे कक्षा चौथी में पढ़ते थे। बाद में आर्य समाज स्कूल में जाकर पढ़ाई पूरी की। बचपन से ही नियमित डायरी लिखने और बगैर किसी सहारे के चलने की आदत थी। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन का प्रचार प्रसार किया और कई प्रभात फेरी निकाली। 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी की गिरफ्तार के विरोध में हुए प्रदर्शन में भाग लिया।
3 दिन बाद साथियों संग 13 अगस्त 1942 को देवास गेट स्थित माधव कालेज की बिल्डिंग पर से अंग्रेजों का झंडा हटा कर तिरंगा फहराया था। इसके बाद उनका नाम पुलिस डायरी में चल गया था। पुलिस उन्हें तलाशती थी। वे शाजापुर, कालापीपल, शुजालपुर में 6 माह तक फरारी काटते रहे। उन्होंने बताया था कि उज्जैन में छत्री चौक पर 15 अगस्त 1947 को ध्वजारोहण हुआ था। यह ध्वज ब्राह्मण गली निवासी राधेलाल व्यास ने फहराया था।
सीएम ने कहा- देश ने सच्चे सपूत को खो दिया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहां है की अमृतलाल अमृत जी के रूप में आज प्रदेश देश में अपने सच्चे सपूत को खो दिया है। वह उज्जैन से मां भारती के ऐसे लाल थे, जिन्होंने न केवल आजादी के लिए लड़ाई लड़ी बल्कि स्वतंत्र भारत की सेवा भी की।