जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में ब्लॉस्ट:धमाके से घायल कर्मचारी को कराया भर्ती; जांच की उठी मांग
जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री (जीआईएफ) में सोमवार को सुबह करीब साढ़े 11 बजे हुए हादसे में एक कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गया।
घटना के बाद एमएमएस सेक्सन में पदस्थ घायल अशोक मीना को आनन-फानन में व्हीकल फैक्ट्री अस्पताल लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे निजी अस्पताल रेफर कर दिया गया हैं। मामले पर फैक्ट्री ने चुप्पी साध ली तो नाराज कर्मचारियों ने जांच की मांग की हैं। फिलहाल कर्मचारी की हालत स्थिर बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक कर्मचारी अशोक मीना (32) जो कि जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के एमएमएस सेक्सन में पदस्थ है। सोमवार सुबह जब वो काम कर रहे थे, उस दौरान अधिकारियों ने उन्हें ड्रम काटने को दिया। अमूमन यह ड्रम ऑइल का होता है, जिससे की कचरा पेटी बनाई जाती है।
अशोक को ऑइल ड्रम की जगह थिनर का ड्रम दे दिया गया जो कि ज्वलनशील होता है। जैसे ही अशोक ने वेल्डिंग मशीन से ड्रम काटने की कोशिश की, वैसे ही ब्लास्ट हो गया। जिससे कि उसका पैर बुरी तरह से जख्मी हो गया। घायल ने बताया कि आंखों के सामने अंधेरा छा गया, कुछ समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ।
कर्मचारी नेता राकेश कुमार दुबे का कहना है कि
फैक्ट्री को करीब 45 करोड़ रुपए का काम मिला है, कर्मचारी उत्साह के साथ काम कर रहे हैं। हालांकि समय पर काम करके देना है, इसका भी दबाव है। कर्मचारी संघ ने फैक्ट्री प्रशासन से मांग की है कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए।
पहले इस फैक्ट्री को ग्रे आयरन फाउंड्री (जीआईएफ़) के नाम से जाना जाता था। यह पहले व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर का हिस्सा थी। साल 1973 में इसे स्वतंत्र आयुध निर्माणी बनाया गया था। जीआईएफ में आधुनिक सीएनसी मशीनों से सुसज्जित विनिर्माण सेटअप है। जबलपुर फैक्ट्री को सेना के लिए 3 हजार 197 बम की बड़ी खेप तैयार करने का ऑर्डर मिला है। एक साल के लिए उत्पादन का लोड भी पूरा हो गया है, जिसके चलते कर्मचारियों के सामने लक्ष्य को पूरा करने की चुनौती हैं।