पांच महीने पहले भोपाल में जिस डॉ. भीमराव अंबेडकर फ्लाईओवर (गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर तक) का लोकार्पण हुआ, उस पर सोमवार की रात 3 किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। इस वजह से हजारों लोग फंसे रहे। पड़ताल में सामने आया कि गणेश मंदिर की तरफ कट पाइंट पर दो फीट तक पानी भर गया था। इस कारण गाड़ियां रेंगती रहीं।
मंगलवार को पीडब्ल्यूडी और नगर निगम का अमला मौके पर पहुंचे। इसके बाद नालियां बनाई जाने लगी। हालांकि, जेसीबी की खुदाई से टेलीफोन लाइनें भी कट गईं। शाम तक नाली बनाने का काम चलता रहा। ट्रैफिक बाधित न हो, इसलिए ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी तैनात रहे।
154 करोड़ रुपए से बना है फ्लाईओवर फ्लाईओवर की कुल लागत 154 करोड़ रुपए है। यह मध्यप्रदेश का सबसे लंबा फ्लाईओवर है। इसकी वजह से एमपी नगर से गुजरने वाला ट्रैफिक 60 प्रतिशत तक कम हुआ है। जिन्हें होशंगाबाद रोड से अरेरा हिल्स, जेल पहाड़ी, वल्लभ भवन, सतपुड़ा, विध्यांचल भवन की ओर आना-जाना हो तो उनके लिए ब्रिज काफी कारगार साबित हो रहा है, लेकिन सोमवार को फ्लाईओवर के जाम ने हजारों लोगों की मुसीबतें भी बढ़ा दी थी।
जलभराव रोकने के लिए ये उपाय…



पीडब्ल्यूडी की बड़ी खामी, दोनों मुहाने पर पानी भरा इस फ्लाईओवर को बनाने में पीडब्ल्यूडी की बड़ी खामी नजर आई है। तीन में से दो मुहानों पर पानी भर रहा है। गर्वमेंट प्रेस की तरफ दो फीट तक पानी जमा हो जाता है। वहीं, गणेश मंदिर के सामने सड़क समतल नहीं है। इस वजह से पानी एक ही जगह पर रुक रहा है। सोमवार शाम को तेज बारिश होने से यहां काफी पानी भर गया था। दूसरी ओर, कई वाहन चालक भी गलत दिशा में चल रहे थे। इस कारण जाम के हालात बन गए थे।
खुली जीप में ब्रिज से गुजरे थे सीएम करीब पांच महीने पहले फ्लाईओवर का लोकार्पण सीएम डॉ. मोहन यादव ने किया था। इस दौरान उन्होंने फ्लाईओवर का सफर भी किया था।

3 किमी की दूरी सिर्फ 5 मिनट में इस ब्रिज से एमपी नगर का 60 प्रतिशत ट्रैफिक यानी 6 हजार गाड़ियां हर दिन गुजर रही है। करीब पौने 3 किमी दूरी तय करने में अब 5 मिनट का समय लग रहा है। पहले सड़क मार्ग पर दो ट्रैफिक सिग्नल और चौराहों पर जाम की वजह से ये दूरी तय करने में 30 मिनट से अधिक लग जाते थे।