प्रदेश भर के हजारों अतिथि शिक्षकों ने मंगलवार को राजधानी के आंबेडकर मैदान, तुलसी नगर में नियमितीकरण, अवकाश समेत अलग-अलग मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। सभा में प्रदेश भर से आए अतिथि शिक्षकों ने कहा है कि सरकार लाड़ली बहनों को फ्री में करोड़ों रुपए बांट रही है, लेकिन हम अतिथि शिक्षक मेहनत करते हैं और मेहनत के बदले सुविधा मांग रहे हैं तो नहीं दी जा रही है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कहते कि अतिथि शिक्षकों के लिए सड़कों पर उतरेंगे और राजगद्दी पर बैठ गए हैं। पूर्व सीएम शिवराज ने भी ठगने का काम किया है।
यह प्रदर्शन “गुरु दक्षिणा” कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया, जिसका उद्देश्य सरकार का ध्यान अतिथि शिक्षकों की समस्याओं की ओर आकर्षित करना था।
इस कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह को भी आमंत्रित किया गया था, जिनके समक्ष अतिथि शिक्षक अपनी मांगें रखने वाले थे। हालांकि मंत्री इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि जिस प्रकार पूर्व में “गुरुजी” शिक्षकों को नियमित किया गया था, उसी तर्ज पर अतिथि शिक्षकों के लिए भी एक स्पष्ट नीति बनाकर उन्हें स्थायीत्व प्रदान किया जाए।
यह बोले अतिथि शिक्षक
कटनी के अतिथि शिक्षक माजिद खान ने कहा कि अब तो इंटरनेट कंपनी 28 दिन का महीना मानती हैं और साल भर में 13 महीने बनाकर जनता का पैसा वसूलती है। दूसरी ओर, हमारी सरकार ने अतिथि शिक्षकों के लिए सालभर में 10 महीने तय कर दिए हैं। हमारी मांग है कि साल भर का काम मिले और अतिथि शिक्षकों को 62 वर्ष की उम्र तक काम दिया जाए।
महिला अतिथि शिक्षक ने कहा कि 2007 से आज तक अतिथि शिक्षक के रूप में काम कर रहे हैं। अतिथि शिक्षकों की स्थिति मजदूरों से बदतर है। हमारे पढ़ाए बच्चे आज आफिसर बन रहे हैं और सेना तथा अन्य स्थानों पर ऊंचे पदों पर हैं, जबकि हम संघर्ष ही कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कहते थे कि अतिथि शिक्षकों के लिए सड़कों पर उतरेंगे और आज वे राजगद्दी पर बैठ गए हैं। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी ठगने का काम किया है। महिला अतिथि शिक्षक ने कहा कि अगर अतिथि शिक्षक आत्महत्या कर लें तो इसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
एक अन्य महिला अतिथि शिक्षक ने कहा कि उनकी मांग नियमित किए जाने की है।
पांढुर्णा से आए अतिथि शिक्षक ने कहा कि 18 साल से अतिथि शिक्षक हैं। हमें नियमित किया जाए और 62 साल तक सेवा तय की जाए।

संघ की ये है प्रमुख मांगें
आजाद अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष पुष्कर (सिंगरौली) ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए पुलिस ने जो एनओसी दी है, उसमें स्पष्ट किया गया है कि आयोजक केवल निर्धारित कार्यक्रम के लिए ही स्थल का उपयोग कर सकते हैं।
अतिथि शिक्षक समन्वय संघ के प्रतिनिधि सुनील सिंह परिहार ने कहा कि इस आयोजन में प्रदेश भर से अतिथि शिक्षक शामिल हुए हैं। संघ की ओर से स्कूल शिक्षा मंत्री को एक प्रस्ताव सौंपा जाएगा, जिसमें मुख्य रूप से निम्न मांगें रखी जाएंगी।
- अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित किया जाए।
- सीधी भर्ती, प्रमोशन या अन्य माध्यमों से किसी शिक्षक की नियुक्ति होने पर वर्षों से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को सेवा से बाहर न किया जाए।
- 18 सालों से सेवा दे रहे अनेक अतिथि शिक्षकों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था के बाहर कर दिया जाता है, जो अनुचित है।
- अतिथि शिक्षकों के लिए भी नियमित शिक्षकों की तरह अवकाश नीति लागू की जाए। जैसे अन्य विभागों में कर्मचारियों को 13 सीएल (कैजुअल लीव), 3 ईएल (अर्जित अवकाश) मिलती हैं, वैसे ही अधिकार अतिथि शिक्षकों को भी दिए जाएं।
