इंदौर-उज्जैन रोड पर निजी ट्रेवल्स की बस ने बाइक सवार दंपती और दो बच्चों को कुचल दिया। माता-पिता और एक बेटे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरे बेटे ने अरविंदो अस्पताल के आईसीयू में दम तोड़ा। महू एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी के मुताबिक, बस शुक्ला ब्रदर्स के नाम पर रजिस्टर्ड है। यह बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला के ऑफिस से ऑपरेट होती है।
हादसे के बाद ड्राइवर और हेल्पर भाग निकले। मौके पर मौजूद लोग आक्रोशित हो गए। बस के कांच फोड़ दिए और आग लगाने की कोशिश की।
एडिशनल एसपी द्विवेदी ने बताया कि हादसा ओवर स्पीड के चलते हुआ है। बस ने बाइक को सामने की तरफ से टक्कर मारी है। जिस वक्त हादसा हुआ, उस समय एक तरफ का रोड ही चालू था।
देखिए, दो तस्वीरें…


गंभीर घायल बच्चे ने सुबह दम तोड़ा बाणगंगा टीआई सियाराम सिंह गुर्जर के अनुसार, घटना बुधवार देर रात धरमपुरी के समीप रिंगनोदिया गांव की है। बस नंबर एमपी09 एफए 6390 ने बाइक नंबर एमपी09 वीएफ 3495 को टक्कर मार दी। बाइक पर जा रहे महेंद्र सोलंकी, जयश्री सोलंकी और 15 वर्षीय जिगर सोलंकी की मौके पर ही मौत हो गई। 10 साल का तेजस सोलंकी गंभीर रूप से घायल हुआ था, गुरुवार सुबह उसकी भी मौत हो गई।
मोबाइल पर बात करते हुए बस चला रहा था ड्राइवर पुलिस जांच में सामने आया है कि ड्राइवर मोबाइल पर बात करते हुए तेज रफ्तार से बस चला रहा था। यात्रियों ने ड्राइवर को स्पीड कम करने के लिए टोका भी था, लेकिन उसने स्पीड कम नहीं की।

विधायक ने कहा- बस खड़ी थी, पीछे से टकराई बाइक विधायक गोलू शुक्ला ने दैनिक भास्कर को बताया कि बस खड़ी हुई थी, उसमें सवारी भी नहीं थी। बाइक उससे पीछे से आकर टकराई। रात को बारिश तेज हो रही थी, इस कारण संभव है कि बाइक सवार बस को देख नहीं पाए होंगे।
भांजा बोला- बस ने बाइक को सामने से टक्कर मारी महेंद्र सोलंकी के भांजे उमेश गौर ने पुलिस को बताया- मामा महेंद्र सिंह की मोटरसाइकिल आगे थी। मैं अपनी बाइक पर उनके पीछे चल रहा था। रिंगनोदिया के पास बस ने मामा की गाड़ी को सामने से टक्कर मार दी। इससे वे सभी बाइक से नीचे गिर गए।
हमने एम्बुलेंस से सभी को अरविंदो अस्पताल पहुंचाया। यहां डॉक्टरों ने मामा-मामी और जिगर को मृत घोषित कर दिया। तेजस को आईसीयू में भर्ती किया गया।
चाय की दुकान से परिवार पालते थे महेंद्र सोलंकी इंदौर में तीन इमली इलाके में रहने वाले महेंद्र सोलंकी चाय की दुकान चलाते थे। वे बुधवार को परिवार समेत साईं विहार कॉलोनी में रहने वाले बड़े भाई बाबू सिंह सोलंकी से मिलने गए थे। बाबूसिंह भोपाल में थे। लौटने में देरी हो गई। उनसे मिलने के बाद महेंद्र और उनका परिवार अपने घर के लिए निकला।
बाबूसिंह ने तेज बारिश का हवाला देते हुए महेंद्र को रोकने की कोशिश की थी, लेकिन सुबह जिगर की परीक्षा होने से वे घर के लिए निकल पड़े। करीब एक घंटे बाद भी घर पहुंचने की खबर नहीं आई तो बाबूसिंह की बेटी ने कॉल लगाया। तब हादसे की जानकारी मिली।