ऑटो खरीदने जा रहे तीन दोस्तों की हादसे में मौत
भोपाल में रविवार को हुए सड़क हादसे में तीन दोस्तों की मौत हो गई। हादसा कमला पार्क स्थित चमेली वाली दरगाह पर हुआ था। वह तीनों एक ही बाइक पर सवार होकर रेतघाट की तरफ से पॉलिटेक्निक चौराहे की ओर जा रहे थे।
हादसे से तीनों के सिर पर गंभीर चोट आई थी। 2 की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई। वहीं तीसरे ने कुछ देर बाद दम तोड़ दिया था। पुलिस ने सोमवार सुबह शवों का पोस्टमॉर्टम हमीदिया अस्पताल में कराया। पोस्टमॉर्टम के बाद शवों को परिजनों के हवाले कर दिया गया है।
श्यामला हिल्स थाना पुलिस के अनुसार यश श्रीवास्तव (23), झल्ला जाट (40) और संदीप नागर (28) करोंद की शिव नगर कॉलोनी के निवासी थे। वह तीनों करीबी दोस्त थे। झल्ला जाट PWD में काम करते थे। वह हमीदिया अस्पताल के में ही एक कांट्रैक्टर का काम करते थे। उनके तीन बच्चे हैं, दो लड़के और एक लड़की। यश श्रीवास्तव इलेक्ट्रिशियन था और संदीप नागर की एक किराने की दुकान थी। तीनों दोस्त एक ही कॉलोनी में रहते थे।
पॉलिटेक्निक चौराहे की ओर जा रहे थे
रविवार को वह तीनों एक ही बाइक पर सवार होकर रेतघाट की तरफ से पॉलिटेक्निक चौराहे की ओर जा रहे थे। बाइक झल्ला जाट की थी और वही उसे चला रहा। तीनों दोस्त बिना हेलमेट के बाइक पर सवार थे।
दोपहर करीब 1:30 से 2 बजे के बीच तीनों किलोल पार्क स्थित हनुमान मंदिर के सामने मोड़ पर पहुंचे ही थे कि उनकी तेज रफ्तार गाड़ी मुड़ते समय चमेली वाले बाबा की मजार की दीवार व रेलिंग से जा टकराई, और मजार से टकराते ही तीनों उछलकर दूर जा गिरे। तीनों के सिर में गंभीर चोट आई थी।
राहगीरों ने घटना की जानकारी एंबुलेंस को दी। जब तक एंबुलेंस पहुंच पाती दो युवकों को अत्यधिक खून बह गया था। तीसरे की हालत भी गंभीर थी।
तीनों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। जहां 2 युवकों को मृत घोषित कर दिया। तीसरे की मौत कुछ देर बाद हो गई।
नया ऑटो लेने घर से निकले थे
झल्ला जाट के बेटे विजय जाट ने बताया कि उसके पिता बहुत दिनों से एक नया ऑटो लेने का प्लान कर रहे थे। उनके पास एक सेकेंड हैंड ऑटो था लेकिन उन्हें एक नए की जरूरत थी।
रविवार दोपहर को वह घर से यही कहकर निकले थे कि नया ऑटो लेने जा रहा हूं। लेकिन, शाम को मुझे सूचना मिली कि उनका रोड एक्सीडेंट हो गया। उन्होंने अपनी बेटी की एक साल पहले ही शादी कराई थी।
यश श्रीवास्तव के बड़े भाई कृष्णा ने बताया कि हम दोनों भाई भोपाल में अकेले रहते थे। हमारा आगे पीछे कोई नहीं है। मैं गार्डनिंग का काम करता हूं और मेरा भाई एक इलेक्ट्रिशियन था। रविवार को जब मैं सुबह काम के लिए निकला तो मैंने अपने भाई को सोते हुए देखा था।
मुझे नहीं पता था कि मैं उसे आखरी बार देख रहा हूं। काम से लौट कर जब घर वापस आया तो वह घर पर नहीं दिखा। शाम को खबर मिली कि उसकी सड़क हादसे में मौत हो गई।