भोपाल में सांची डेयरी के पास हादसा, युवक की मौत
भोपाल में होशंगाबाद रोड पर सांची डेयरी के पास एक बाइक सवार युवक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। घटना सोमवार शाम 4.30 बजे की है। आशिमा मॉल के पास स्थित एक कॉल सेंटर से शोएब खान (28) घर लौट रहा था। इस दौरान उसकी बाइक हादसे का शिकार हो गई और वह पास खड़े एक ट्रक में घुस गया।
5 महीने पहले ही हुई थी शादी
शोएब को गंभीर अवस्था में एम्बुलेंस से जेपी अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मंगलवार को गोविंदपुरा पुलिस ने युवक का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है। शोएब की पांच महीने पहले ही शादी हुई थी।
20 मिनट बाद एम्बुलेंस आई
युवक के बड़े भाई समीर खान के कहा कि शोएब ने घटना के बाद उन्हें कॉल करके हादसे की जानकारी दी। वह सड़क पर तड़पता रहा। 20 मिनट बाद एम्बुलेंस आई। एम्बुलेंस में कोई पैरामेडिकल कर्मचारी मौजूद नहीं था और न ही ऑक्सीजन की व्यवस्था थी। जिससे मेरे भाई की एम्बुलेंस में ही मौत हो गई। अगर एम्बुलेंस में ऑक्सीजन या स्टाफ होता तो शायद भाई की जान बच सकती थी।
108 एम्बुलेंस के पास 2 कॉल आए थे
108 एम्बुलेंस स्टाफ तरुण सिंह परिहार ने बताया कि हमारे पास दो कॉल आए थे। दोनों कॉल अलग-अलग नंबर से थे। पहला कॉल 108 एंबुलेंस को असाइन हुआ। कॉलर से संपर्क किया गया तो उन्होंने सेवा लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने बताया-
दूसरा कॉल रास्ते से गुजर रही जननी एक्सप्रेस के ड्राइवर ने किया। उन्होंने रोड एक्सीडेंट केस क्रिटिकल इमरजेंसी को देखते हुए 108 नंबर पर कॉल करके एंबुलेंस असाइन करवाया। मरीज को तुरंत सुरक्षित अस्पताल छोड़ दिया। जननी ड्राइवर की सूझबूझ से मरीज की जान बचाने में मदद मिली थी। गाड़ी में ऑक्सीजन और पैरामेडिकल स्टाफ दोनों मौजूद थे।
हादसे की वजह स्पष्ट नहीं
युवक के बड़े भाई समीर खान ने बताया कि शोएब खान (28) पिता नासिर खान आशिमा मॉल के पास कॉल सेंटर में काम करता था। मंगलवार शाम 4.30 बजे वो ऑफिस से अशोका गार्डन स्थित घर लौट रहा था। इस दौरान सांची डेयरी के बाद वो हादसे का शिकार हो गया। हादसा कैसे हुआ इसकी अभी जानकारी नहीं है। आसपास मौजूद सीसीटीवी कैमरों को खंगालने पर ही इसका पता लग पाएगा।
समीर ने बताया उनके पिता की मृत्यु पहले ही हो गई है। अशोका गार्डन स्थित घर में मां के साथ रहते हैं। शोएब की पांच महीने पहले शादी हुई थी। छोटा होने की वजह से वो सबका लाड़ला था। उसके जाने के बाद घरवालों पर दुखों का पहाड़ टूट गया है।