Telegram CEO की फ्रांस में गिरफ्तारी के बाद क्या भारत में भी बैन होगा टेलीग्राम?
आईटी मंत्रालय ने मांगी स्टेट्स रिपोर्ट
हाल ही में फ्रांस ने पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम के सीईओ पावेल डुरोव को गिरफ्तार किया है. रूस में जन्मे डुरोव पर फ्रांसीसी सरकार ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनके साबित होने पर 20 साल की जेल की सजा हो सकती है. भारत सरकार भी टेलीग्राम के खिलाफ एक्शन मोड में आ गई है. केंद्र सरकार डुरोव के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ कदम उठाने की तैयारी कर रही है. कार्रवाई के दौरान अगर सरकार को सही लगा तो टेलीग्राम ऐप को भारत में बैन भी किया जा सकता है.
सरकार जानना चाहती है कि क्या इस ऐप का इस्तेमाल क्रिमिनल एक्टिविटीज में हो रहा है, जिसमें Extortion और Gambling आदि शामिल है. यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स से मिली है. रिपोर्ट्स में दावा किया है कि अगर ये जांच में दोषी पाया जाता है, तो इस पर बैन तक लग सकता है. भारत में यह जांच गृह मंत्रालय और मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी के तहत काम करने वाली एजेंसी Indian Cybercrime Coordination Centre (I4C) शुरू कर सकती है. Telegram के भारत में करीब 5 मिलियन रजिस्टर्ड यूजर्स हैं, ऐसे में पता चलता है कि इसका इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जाता है.
पावेल दुरोव पर हैं ये आरोप, पेरिस-ले बॉर्गेट हवाई अड्डे पर हुए गिरफ्तार
पावेल दुरोव पर आरोप है कि उनके मंच का इस्तेमाल काले धन को सफेद करने और ड्रग तस्करी जैसे अपराधों के लिए किया गया था. रिपोर्टों के मुताबिक, फ्रांस और रूस की दोहरी नागरिकता रखने वाले 39 वर्षीय दुरोव को शनिवार को अजरबैजान से फ्रांस में उतरने के बाद पेरिस-ले बॉर्गेट हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया. इस बीच, सूत्रों ने बताया कि फ्रांस के घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए आईटी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से टेलीग्राम के खिलाफ लंबित शिकायतों की जांच करने और संभावित कार्रवाई के बारे में गौर करने को कहा है.
भारत में टेलीग्राम का भविष्य?
भारत सरकार की जांच गृह मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeetY) द्वारा की जा रही है. इस बात को जाहिर तौर पर कोई नहीं झुठला सकता कि टेलीग्राम की भूमिका वक्त-वक्त पर कई गलत गतिविधियों में देखी गई है. ऐसे में प्लेटफॉर्म बैन करने का सरकार के लिए कोई बड़ी बात भी नहीं है, भारत में टेलीग्राम का भविष्य जांच एजेंसियों की शुरुआती जांच पर निर्भर करेगा. टेलीग्राम की प्राइवेसी भी कई बार सवालों के घेरे में आ चुकी है.