सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान की समय सीमा तीन माह तय की गई है। परिवहन विभाग ने साफ कर दिया है कि जिन वाहनों में एचएसआरपी नंबर प्लेट नहीं लगी है, उन्हें पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट, फिटनेस सर्टिफिकेट और वाहन पोर्टल की सभी ऑनलाइन सुविधाएं नहीं मिल पाएंगी।
केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, 1 अप्रैल 2019 के बाद पंजीकृत सभी वाहनों में एचएसआरपी प्लेट लगाना अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट ने अब इस व्यवस्था को जल्द से जल्द लागू करने के लिए राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं।
पोर्टल पर अपडेट हो रहा वाहन डाटा, हर जिले में गठित होंगे विशेष दल प्रदेशभर में विशेष दल गठित कर वाहन डीलरों के माध्यम से एनआईसी के वाहन पोर्टल पर जानकारी अपडेट की जाएगी। वाहन पोर्टल की सुविधा और रोड सेफ्टी को बेहतर बनाने के लिए यह कदम जरूरी माना जा रहा है।
परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि एचएसआरपी होने से सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से वाहनों की पहचान कर इन्फोर्समेंट को और प्रभावी बनाया जा सकेगा। इससे ट्रैफिक नियमों का पालन कराने में मदद मिलेगी। जिला परिवहन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि इस कार्य की नियमित निगरानी करें और तय समय-सीमा में पूरा करें, ताकि रोड सेफ्टी और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
क्या है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट? यह एक होलोग्राम स्टिकर है। इस पर वाहन के चेसिस और इंजन के नंबर दर्ज होते हैं। इस खास तरह के स्टिकर को वाहन की नंबर प्लेट पर चिपकाया जाता है। प्लेट पर नंबर उभारकर बनाए जाते हैं, ताकि कोई उनमें छेड़छाड़ न करने पाए।
इस पूरी प्लेट को वाहनों की सुरक्षा के लिहाज से तैयार किया गया है। एक बार प्लेट वाहन में फिट हो जाए तो उसे निकालना भी आसान नहीं हो पाता। HSRP नंबर को प्रेशर मशीन की मदद से लिखा जाता है। इस नंबर से वाहन की पूरी कुंडली सामने आ सकती है।
ऐसे करें आवेदन
नई नंबर प्लेट लगवाने के लिए वाहन कंपनी के शोरूम पर जाकर ऑनलाइन www.bookmyhsrp.com पर आवेदन किए जा सकेंगे। शोरूम पर भी फीस ऑनलाइन जमा करनी होगी। वहीं शोरूम संचालकों को फीस की रसीद आवश्यक रूप से देनी होगी।