दिव्यांग (श्रवण बाधित) बालिकाओं के साथ दुष्कर्म और शोषण करने वाले हॉस्टल संचालक को विशेष न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी को धारा 376(2) में 15 साल, एससी-एसटी एक्ट में आजीवन कारावास और धारा 323 में 6 माह की सजा के साथ सात हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है। जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त 6 माह का कारावास भुगतना होगा।
यह मामला साल 2016 से 2018 के बीच का है। आरोपी भोपाल के अवधपुरी क्षेत्र में निजी हॉस्टल चलाता था, जहां श्रवण बाधित छात्राएं रहती थीं। इसी दौरान उसने बालिकाओं के साथ अश्लील हरकतें कीं, उन्हें धमकाया और कई बार दुष्कर्म किया। एक पीड़िता ने विरोध किया तो आरोपी ने उसका वीडियो बनाया लिया था।
मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न से तंग आकर पीड़िताएं अपने घर लौट गईं और बाद में समाजसेवी की मदद से आपबीती बताई। इसी आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने पैरवी की।
लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए कठोर सजा सुनाई। यह फैसला उन लोगों के लिए सख्त संदेश है जो असहाय और दिव्यांग बच्चियों के साथ अपराध करने का दुस्साहस करते हैं।