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सोशल पुलिसिंग एवं महिला व बाल सुरक्षा को प्रभावी बनाने हेतू मल्टीऐजेंसी से समन्वय स्थापित करें : पुलिस आयुक्त श्री देउस्कर

नगरीय क्षेत्र जिला भोपाल के समस्त थानो में महिला एवं बाल सुरक्षा हेतु संचालित महिला/ऊर्जा डेस्क के उत्कृष्ट संचालन एवं क्रियान्वयन हेतु  *पुलिस आयुक्त श्री मकरंद देउसकर* द्वारा समस्त राजपत्रित अधिकारियो एवं थाना प्रभारियों की आज दोपहर कमिश्नर कार्यालय में बैठक ली गई, जिसमें डीसीपी मुख्यालय श्री विनीत कपूर द्वारा पीपीटी के माध्यम से ऊर्जा/महिला डेस्क व बाल कल्याण अधिकारियो के कार्यों के बारे मे विस्तारपूर्वक बताया गया एवं माह जनवरी से अप्रैल के बीच महिलाओ व बालकों के खिलाफ घटित अपराधों की तुलनात्मक जानकारी दी गई।             इस बैठक में बताया गया कि महिला अपराध तथा बाल अपराध से जुड़ी समस्याएं किस तरह से पुलिस की सबसे महत्वपूर्ण समस्याओं में से हैं और इनका निराकरण किया जाना सामाजिक सुरक्षा तथा समाज में बेहतर व्यवस्था कायम करने के लिए क्यों आवश्यक है, इसके अंतर्गत यह बताया गया कि किस तरह से समस्त गंभीर अपराधों में 60 प्रतिषत से अधिक अपराध महिलाओं व बच्चों के संबंध में होते हैं और किस तरह से इन अपराधों की रोकथाम हेतु विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर कार्य कर सकती है। उर्जा हेल्प डेस्क के साथ साथ ही बाल कल्याण अधिकारी का पद भी हर थाने में विद्यमान है। ऊर्जा हेल्पडेस्क तथा बाल कल्याण अधिकारी के कामों में एकरूपता लाने के लिए तथा उनका समन्वय स्थापित करना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त जनसामान्य में कम्युनिटी पुलिसिंग को बढ़ावा देने की जरूरत है और कमेटी पुलिसिंग के अंतर्गत उर्जा हेल्प डेस्क के तत्वाधान में शक्ति समितियों का महिलाओं का समूह बनाना आवश्यक है। महिलाओं के इस समूह से जन चेजना जागृत किया जाना आवश्यक है। गुड टच-बेड टच इत्यादि के बारे में तथा बालिका सुरक्षा के बारे में हर थाने को शिविर लगाना होगा तथा इसमें शक्ति समितियों का संयोजन तथा क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ का सहयोग भी प्राप्त करना होगा।       पुलिस आयुक्त महोदय के निर्देश पर पिछले एक माह में अधिकतर थानों ने जन चेतना शिविर आयोजित किए हैं। उल्लेखनीय है कि जनचेतना शिविर शक्ति समितियों के माध्यम से एनजीओ के माध्यम से स्थापित किए गए हैं और शक्ति समिति में जुड़ी हुई महिलाओं को नगर रक्षा समिति में भी जोड़ा जाएगा। यह भी निर्देश सभी थाना प्रभारियों को दिए गए, ताकि जो महिला सामुदायिक पुलिसिंग के अंर्तगत शक्ति समिति से जुड़ी है वह आवश्यक रूप से नगर रक्षा समिति के सदस्या भी महिला विंग के माध्यम से बन जाएंगी। इसके अतिरिक्त यह भी निर्देशित किया गया कि समस्त डीसीपी जोन में एक बड़े सम्मेलन आयोजित करने, जिसमें क्षेत्र की सभी शक्ति समितियों को जोड़ करके जनचेतना शिविर आयोजित करने, इस संबंध में महिला बाल विकास विभाग से प्राप्त अनुदान राशि का उपयोग हर जोन में दो बड़े शिविर आयोजित कर किया जाएगा। इस प्रकार आगामी एक माह में आठ बड़े षिविर विभिन्न स्थानों पर लगाए जाएंगे। जोन 1 जोन 2 जोन 3 तथा जोन 4 के डीसीपी को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में कम से कम 2 जनचेजना षिविर आयोजित करें, जिसमें क्षेत्र की महिलाओं को, एनजीओ को जोडे़ं तथा जन चेतनो हेतु महिला सुरक्षा तथा बाल सुरक्षा हेतु लोगों को अवैयरनेस जनरेशन प्रोग्राम करें ताकि अधिक से अधिक महिलाएं तथा बालिकाएं सुरक्षित महसूस करें तथा कानून का उपयोग करते हुए उनके साथ होने वाले यदि किसी भी प्रकार की अनहोनी हो तो उसमें सुलभ न्याय प्राप्त करने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महिला बाल विकास, एनजीओ का भी आवश्यक सहयोग लेने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही मानसिक रूप से प्रभावित एैसे लोग जिन्हे घर से निकाल दिया गया हो, एैसे लोगों के पुनर्वास हेतुु भी निर्देष दिये गये।      विगत एक माह मे चाईल्डलाइन के सहयोग से तथा गौरवी सहयोग से बहुत सारे प्रकरण ऐसे रहे जिसमें अच्छी भूमिका निभाते हुए पुलिस ने कार्यवाही की। विभिन्न शासकीय तथा गैर शासकीय ऐजेंसियों में विभिन्न प्रकार के प्रावधान है, जो महिला व बालिका सुरक्षा के लिए विशेष रूप से गठित किए गए है। पुलिस मल्टी एजेंसी एप्रोच का इस्तेमाल करें तथा चाइल्ड लाइन 1098 हेल्पलाइन है, 100 नंबर का जो हेल्पलाइन है तथा विभिन्न प्रकार के जो प्रावधान गौरवी सखी वन स्टॉप सेंटर इत्यादि के माध्यम से प्रदान किए गए हैं तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,  महिला बाल विकास की विभिन्न योजनाएं का सहयोग प्राप्त करें। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में एनजीओ ने सेफ सिटी प्रोजेक्ट में भी काफी अच्छा काम किया है। सेफ सिटी प्रोजेक्ट में आरंभ या उदय जैसी संस्थाओं ने भी विशेष रूप से मदद की है ऐसी संस्थाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु निर्देषित किया गया। उक्त बैठक मे एडीजे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DALSA) के सचिव श्री संजय पाल सिंह बुंदेला द्वारा Witeness Protection Scheme, Victim Compensation Scheme, Undue Trial Review Committee (UTRC), Pre Arrest Protocol के बारे में विस्तारपूर्वक बताया तथा इन योजनाओं में पुलिस अधिकारियों की भूमिका एवं समन्वय के संबंध में बताया गया।

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