राजधानी की हवा इन दिनों रिकॉर्ड स्तर पर साफ है। कोहेफिजा में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 36, पर्यावरण परिसर में 51 और टीटी नगर में 38 दर्ज हुआ है। यानी राजधानी की हवा ‘गुड’ कैटेगरी में है। इसके बावजूद पर्यावरणविद् सुभाष सी. पांडे का कहना है कि शहर की कई सड़कें हार्ट के मरीजों और संवेदनशील लोगों के लिए जानलेवा बन चुकी हैं।
जिसकी वजह बारिश रुकने के बाद सड़कें उखड़ जाना और भारी वाहनों के गुजरने पर उठने वाला धूल का गुबार है।
बारिश के बाद सड़कें बनीं प्रदूषण का अड्डा सुभाष सी पांडे बताते हैं कि आमतौर पर बरसात में हवा शुद्ध हो जाती है क्योंकि बारिश हानिकारक गैसों और प्रदूषकों को घोलकर जमीन पर गिरा देती है। मगर इस बार समस्या अलग है। पानी रुकने के बाद शहर की सड़कों की बजरी और डामर उखड़ गई है।
अब जब गाड़ियां गुजरती हैं तो धूल के कण हवा में फैलते हैं। इन कणों का साइज बड़ा होने से यह सीधे फेफड़ों और हृदय पर असर डालते हैं। यही वजह है कि AQI सामान्य होने के बावजूद धूलभरी सड़कों से स्वास्थ्य जोखिम कई गुना बढ़ गया है।
धूल और वाहनों का धुआं डबल डेंजर उन्होंने कहा कि जब सड़क की धूल उड़ती है तो उसमें वाहनों से निकलने वाले धुएं का मिश्रण और घातक हो जाता है। इनमें नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और ओजोन जैसी जहरीली गैस शामिल होती हैं। यह प्रदूषण सामान्य स्मोक से भी ज्यादा खतरनाक है और श्वसन रोग, आंखों की समस्याएं, त्वचा संबंधी बीमारियां और खासकर कार्डियोवस्कुलर डिसीज का खतरा बढ़ा देता है।
हार्ट पेशेंट्स और बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक
पांडे ने कहा कि 5 साल से छोटे बच्चे और 75 साल से अधिक उम्र के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। वहीं दिल के मरीजों के लिए इस समय धूलभरी सड़कों पर चलना जानलेवा साबित हो सकता है। उनके मुताबिक अगर लोग रोज इन्हीं रास्तों से गुजर रहे हैं तो मास्क लगाना बेहद जरूरी है। मास्क पहनने से करीब 70% बीमारियों से बचाव संभव है।

इन सड़कों पर सबसे ज्यादा उड़ रही धूल
- जहांगीराबाद
- सुभाष नगर
- जेल रोड
- एमपी नगर
- हबीबगंज
- कमला पार्क
- काजी कैंप
- डीआईजी बंगला
- हाउसिंग बोर्ड
- भानपुर
- शाहपुर
- कॉलोनी
- बैरागढ़ रोड
- कोलार
- तीन मोहरे
- शाहजहानाबाद
- जिंसी और ईदगाह।
पहली बार बारिश में मास्क की जरूरत आमतौर पर बारिश के मौसम में मास्क लगाने की सलाह नहीं दी जाती, लेकिन इस बार हालात उलटे हैं। AQI ‘गुड’ कैटेगरी में है, फिर भी टूटी सड़कों की वजह से उड़ने वाली धूल और वाहनों का धुआं मिलकर इतना जहरीला कॉम्बिनेशन बना रहे हैं कि विशेषज्ञ मास्क पहनकर ही सड़क पर निकलने की सलाह दे रहे हैं।
सेहत को गंभीर नुकसान रीजनल रेस्पिरेटरी इंस्टीट्यूट के श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. पराग शर्मा के मुताबिक जब लोग इन प्रदूषकों के संपर्क में आते हैं तो उन्हें आंख, नाक और गले की समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए, कार से हो तो शीशे बंद रखें, पैदल या पब्लिक ट्रांसपोर्ट से हों तो मास्क का प्रयोग करें।
कीचड़ सूखने के बाद उड़ने वाली धूल में कई शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाने वाले तत्व भी मौजूद रहते हैं। इसलिए, बचाव जरूरी है।