एयर एंबुलेंस के दावे… हकीकत ठेले पर
ठेले पर लेटी यह महिला सीधी निवासी उर्मिला रजक हैं। एक नवंबर को उर्मिला को प्रसव पीड़ा हुई। पति कृष्ण कुमार ने कई बार 108 एम्बुलेंस सेवा को फोन किया। लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं आई। मजबूरन उर्मिला को ठेले पर अस्पताल ले जाना पड़ा। लेकिन रास्ते में ही डिलीवरी हो गई। अस्पताल पहुंचने तक नवजात ने भी दम तोड़ दिया। यह हाल तब हैं, जब प्रदेश सरकार गंभीर हालात में एयर एंबुलेंस मुहैया कराने के दावे कर रही है। लेकिन हकीकत इसके उलट है।
वीडियो वायरल होने के बाद सरकार एक्शन में आई। सोमवार को उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीधी, सिविल सर्जन, जिला टीकाकरण अफसर को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा। विभागीय जांच होगी। संबंधित एंबुलेंस सेवा प्रदाता के एक माह का व्यय ₹4.56 लाख रुपए काटने का आदेश दिया।
एक और लाड़ली अव्यवस्था का शिकार : उमंग सिंघार
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि जब स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल के गृह क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की हालत इतनी बदतर है, तो पूरे प्रदेश की हालत को समझा जा सकता है। सीएम साहब आप तो एयर एंबुलेंस तक की हवा हवाई बातें करते हैं। पहले कम से कम एंबुलेंस की व्यवस्था तो सुधारिए।