इंदौर में होटल शेरेटन के रेस्टोरेंट मैनेजर की मौत:रात 3 बजे बिजली के पोल में घुसी कार, दो घंटे बाद पहुंची एम्बुलेंस
इंदौर में शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात 3 बजे एक कार बिजली के पोल से टकरा गई। हादसे में होटल शेरेटन के रेस्टोरेंट मैनेजर की मौत हो गई। वे होटल से घर लौट रहे थे। हादसा एमआर-11 पर हुआ। उन्हें सिर और शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर चोट आई थी। पुलिस ने मृतक की जेब में मिले आईडी कार्ड से पहचान कर होटल स्टाफ को सूचना देकर मौके पर बुलाया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसे के दो घंटे बाद एम्बुलेंस मौके पर पहुंची। मृतक का नाम मनीष (36) पुत्र रवींद्र है। पुलिस ने शेरेटन होटल के स्टाफ को मौके पर बुलाया। स्टाफ ने मृतक की पहचान रेस्टोरेंट मैनेजर के रूप में की। स्टाफ ने बताया कि मनीष बायपास स्थित होटल से देर रात घर जाने के लिए निकले थे।
इवेंट पार्टी के चलते देर रात तक रुके थे
होटल में एक इवेंट पार्टी थी। इसलिए मनीष होटल बंद होने तक वहीं रुके रहे। रात करीब 2.30 बजे से वे होटल से निकले। इस दौरान वे होटल गोल्डन लीव्स के नजदीक पहुंचे। यहां उनकी कार असंतुलित होकर बिजली के खंभे से टकरा गई। स्टाफ के मुताबिक उन्होंने 7 महीने पहले ही होटल जॉइन किया था। परिवार में एक बेटा और पत्नी है। मनीष मूल रूप से बिहार के छपरा के रहने वाले थे।
पुलिस ने बताया कि मनीष को एमवाय अस्पताल पहुंचाया गया। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृतक घोषित कर दिया। स्टाफ से नंबर लेकर उनके परिवार को सूचना दे दी है। होटल के वरिष्ठ अधिकारियों को भी हादसे के संबंध में सूचित किया है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की है।
चार तस्वीरों में देखें गंभीर हादसा : एयर बैग फट गया, बिजली का खंभा टेढ़ा हो गया
काफी देर बाद पहुंची एम्बुलेंस
प्रत्यक्षदर्शी अमर त्रिपाठी ने बताया कि हादसा रात करीब 3.10 बजे हुआ। हम सो रहे थे। एक्सीडेंट की तेज आवाज सुनकर सभी की नींद खुल गई। बाहर आकर देखा तो कार में एक युवक तड़प रहा था। तेज आवाज में गाने बज रहे थे। उसने सीट बेल्ट बांध रखा था, लेकिन स्पीड तेज होने की वजह से हादसा हो गया। खंभे के गिरने से आसपास के घरों की बिजली गुल हो गई। बाउंड्री वॉल भी टूट गई। अमर ने बताया कि हमने तत्काल डायल 100 और एम्बुलेंस को फोन कर बुलाया। पुलिस तो आधे घंटे में आ गई लेकिन एम्बुलेंस नहीं पहुंची। हमने उसे फोन लगाया तो एम्बुलेंस का ड्राइवर कहने लगा मेरी ही तबीयत खराब है। दूसरी एम्बुलेंस पहुंची तो शव देखकर कहा इसे ले जाना हमारा काम नहीं है। यह कहकर वह चला गया। हमने उसे दौड़कर पकड़ा और उससे शव को एमवाय अस्पताल भेजा।