आठ माह पहले राजधानी के मेंडोरी में 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश के साथ बरामद की गई इनोवा कार की जांच के मामले में अब तक वित्त विभाग के डीआरआई (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) की एंट्री नहीं हुई है। यह जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्रालय तक तो पहुंची लेकिन डीआरआई को इसकी जांच के लिए निर्देशित ही नहीं किया गया। इसलिए सोने की तस्करी के इस मामले में केंद्र की इस तीसरी महत्वपूर्ण जांच एजेंसी की एंट्री ही नहीं हो पाई। आयकर विभाग ने भी अलग से इसके लिए कोई प्रस्ताव डीआरआई को नहीं दिया।
19 दिसम्बर 2024 की आधी रात मेंडोरी से 51.8 किलो गोल्ड और 11 करोड़ रुपए कैश जब्त करने वाली आयकर विभाग की टीम की जांच में यह बात सामने आई थी कि आरटीओ के पूर्व आरक्षक करोड़पति सौरभ शर्मा का गोल्ड और कैश है जो उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर की इनोवा कार में मिला था। हालांकि चेतन ने आयकर विभाग को दिए बयान में कहा था कि इनोवा कार सौरभ शर्मा की ही है। सौरभ ने इसे आयकर विभाग की जांच में अपना होना स्वीकार नहीं किया है।
जब्त गोल्ड की मेकिंग दुबई, स्विटजरलैंड और आस्ट्रेलिया की
आयकर विभाग ने इस मामले में कहा था कि गोल्ड की जांच में यह पता चला है कि बरामद हुए सोने की मेकिंग दुबई, स्विटजरलैंड और ऑस्ट्रेलिया की है।
इसलिए ऐसे मामले की जांच डीआरआई करेगी। लेकिन अब तक डीआरआई की एंट्री इस मामले में नहीं हुई है जिससे यह पता नहीं चल पाया है कि जो गोल्ड इनोवा कार में मिला है, वह किसके जरिए देश और भोपाल आया है। बताया जाता है कि डीआरआई ही इसका पता लगा सकती है कि सोना विदेश से यहां कैसे और कब पहुंचा? दूसरी ओर अब आठ माह बाद यह बात सामने आई है कि तस्करी के जरिए लाए गए सोने की जांच के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय के सीबीडीटी की ओर से डीआरआई इंदौर और भोपाल की टीम को निर्देश ही नहीं दिए गए हैं जबकि आयकर विभाग की इस कार्रवाई की जानकारी सीबीडीटी के माध्यम से केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अफसरों की जानकारी में आई है।
यह काम करता है डीआरआई
- कस्टम के दायरे में आने वाली जांच
- बार्डर क्रॉस करने के मामलों की जांच
- गोल्ड स्मगलिंग
- वाइल्ड लाइफ
- एंटी स्मगलिंग यूनिट
- एनडीपीएस एक्ट के बड़े और गंभीर मामले
जेल में है सौरभ और शरद, चेतन जमानत पर
इस मामले में आयकर के बाद ईडी ने भी छापेमारी कर पूर्व आरटीओ आरक्षक सौरभ शर्मा के साथ उसके सहयोगी शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर के यहां कार्रवाई की थी। तीनों को ही ईडी ने लोकायुक्त में गिरफ्तारी के बाद रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी और ईडी के कोर्ट में पेश किए गए चालान में गोल्ड सौरभ शर्मा का ही बताया गया है। अभी इस मामले में सौरभ और शरद जायसवाल जेल में हैं जबकि हाईकोर्ट ने चेतन सिंह गौर की पत्नी और जुड़वां बच्चों के बीमार होने व एडमिट होने पर मानवीय आधार पर 27 अगस्त तक के लिए जमानत दी है।