Earthquake in MP – नर्मदा किनारे महाराष्ट्र से जुड़े इलाकों में छह-सात माह में अक्सर होती है भूगर्भीय हलचल
इंदौर से 125 किलाेमीटर दूर सेंधवा क्षेत्र में गुरुवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। भोपाल स्थित मौसम केंद्र के मुताबिक गुरुवार सुबह 4.53 बजे भूगर्भीय हलचल दर्ज की गई। प्रदेश में खरगोन-बड़वानी सीमावर्ती क्षेत्र में 3.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसका हाइपो सेंटर पांच किमी गहराई पर था।
इंदौर में भूकंप मापने के लिए एसजीएसआइटीएस में लाखों रुपये खर्च कर कालेज प्रबंधन द्वारा सिस्मोग्राफ लगाया गया है, लेकिन गुरुवार दोपहर 12 बजे तक मिली जानकारी के मुताबिक इंदौर में लगे इस उपकरण पर भूकंप की कोई जानकारी दर्ज नहीं हो सकी। एसजीएसआइटीएस के डायरेक्टर डा. राकेश सक्सेना के मुताबिक कालेज परिसर में जहां सिस्मोग्राफ लगा है, उसके पास में निर्माण कार्य चल रहा है। इंदौर में लगाए गए सिस्मोग्राफ का रिकार्ड जीपीएस के माध्यम से इसे लगाने वाली कंपनी के पास जाता है। जीपीएस संबंधित दिक्कत में सुधार के लिए संबंधित एजेंसी से चर्चा की जा रही है। कंपनी ने इसका सुधार अभी तक नहीं किया है। ऐसे में संबंधित कंपनी पर कार्रवाई की जाएगी।
दो माह से भूगर्भीय हलचल हो रही महसूस – भोपाल स्थित मौसम केंद्र के विज्ञानी वेदप्रकाश सिंह के मुताबिक, नर्मदा के उत्तर का हिस्सा जोन 1 व नर्मदा का दक्षिणी हिस्सा भूकंप के जोन 2 में आता है। इंदौर व खरगोन का हिस्सा जोन 1 में शामिल है। वहीं खरगोन का दक्षिण हिस्सा जहां अभी भूकंप आया है, वह जोन 2 में आता है। गुरुवार अलसुबह सेंधवा, वर्ला, भगवानपुरा में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस दौरान वहां के कई मकान हिले भी थे। उस क्षेत्र में पिछले दो महीने से भूगर्भीय हलचल महसूस हो रही है। इसके पूर्व देवास जिले में दो बार व बड़वानी, आलीराजपुर सीमा पर एक बार भूगर्भीय हलचल महसूस की गई। यह क्षेत्र भूकंप के लिए काफी सुरक्षित क्षेत्र है। 4 तीव्रता तक भूकंप सुरक्षित होता है। नर्मदा नदी के महाराष्ट्र की सीमा में छह से सात महीने में इस तरह की भूगर्भीय हलचल महसूस की जाती है।