भोपाल का ऐशबाग थाना एक बार फिर सुर्खियों में है। भ्रष्टाचार और फर्जी कार्रवाई के आरोप में निलंबित थाना प्रभारी (टीआई) जितेंद्र गढ़वाल और उनके सहयोगी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर किया गया है। आरोप है कि थाने के पुलिसकर्मियों ने जुआ संचालक से हफ्ता वसूली के लिए दबाव बनाया, और जब रकम नहीं मिली, तो फरहान खान नामक युवक पर चरस तस्करी का झूठा आरोप लगाकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
एडवोकेट शारिक चौधरी का कहना है कि
पुलिस की फर्जी कार्रवाई के पुख्ता सबूत कोर्ट में पेश कर दिए गए हैं, यह पूरी साजिश निलंबित टीआई जितेंद्र गढ़वाल के इशारे पर रची गई थी।
सीसीटीवी फुटेज और ऑडियो रिकॉर्डिंग पेश की
मामले में फरहान की पत्नी रेशमा ने कोर्ट में सीसीटीवी फुटेज और ऑडियो रिकॉर्डिंग पेश की है और कहा कि इन वीडियो से साबित होता है कि पुलिसकर्मियों ने फरहान को पहले ही हिरासत में ले लिया था और बाद में रेलवे ट्रैक से गिरफ्तारी दिखा दी।

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, फरहान को 28 जनवरी की रात 10:30 बजे रेलवे ट्रैक के पास से चरस की डिलीवरी देने के दौरान पकड़ा गया, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में उसे उसी दिन सुबह 11:30 बजे पुलिसकर्मी बाइक पर ले जाते नजर आ रहे हैं।

वायरल ऑडियो में रिश्वत की बातचीत
पहली बातचीत (अली और पुलिसकर्मी के बीच)
अली: आप मुझसे मिलो।
पुलिसकर्मी: मैं जब भी घर जाता हूं…घर की महिला मुझसे ही बदतमीजी करती है। जबकि मैं सहयोग करता हूं।
अली: आप मुझसे मिलो।
पुलिसकर्मी: जिंसी आओ, राज टॉकीज के पास।
दूसरी बातचीत (पुलिसकर्मी और महिला के बीच)
पुलिसकर्मी: बोगदा पुल वाइन शॉप के पास आओ।
तीसरी बातचीत (फरहान और पुलिसकर्मी के बीच)
फरहान: मैंने एक को दे दिया।
पुलिसकर्मी: मुझे नहीं पता किसे दिए, मुझे मेरा चाहिए।
फरहान: थाने के बाहर आ जाओ, चुपचाप से देता हूं…पैसा।

2 लाख की रिश्वत की मांग, न देने पर फर्जी मामला दर्ज
रेशमा का आरोप है कि पुलिस ने फरहान पर कार्रवाई रोकने के बदले 2 लाख रुपए मांगे थे। जब उसने पैसे नहीं दिए, तो पुलिस ने फरहान पर झूठा केस बनाकर उसे जेल भेज दिया।
इस दौरान, पुलिस ने जब्ती पत्रक भी रेशमा को थमा दिया था, यह कहते हुए कि अगर पैसे दे दिए तो कार्रवाई नहीं होगी। बाद में रेशमा ने इस असली जब्ती पत्रक को एसपी सुरभि मीणा के पास विधिवत जमा कर दिया, जिसे अब कोर्ट में भी प्रस्तुत किया गया है।

देवर को भी फंसाने की साजिश, डर के कारण की खुदकुशी की कोशिश
रेशमा के मुताबिक, पुलिस उसके देवर अली अब्बास को भी फर्जी केस में फंसाने की तैयारी में थी। लगातार दबिश के कारण अली ने 1 फरवरी को जहरीला पदार्थ खा लिया।
टीआई अंडरग्राउंड, सहयोगी पुलिसकर्मी अब भी थाने में तैनात
भ्रष्टाचार का मामला दर्ज होने के बाद टीआई जितेंद्र गढ़वाल अंडरग्राउंड हो चुके हैं, जबकि उनके सहयोगी अजय और लोकेंद्र के खिलाफ तमाम शिकायतों के बावजूद वे अब भी ऐशबाग थाने में तैनात हैं।
इस मामले में अब कोर्ट की सुनवाई अहम साबित होगी।