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परिजन बोले-बेटे की हत्या की, शव गड्ढे में फेंका

नर्मदापुरम में 4 दिन से लापता 12वीं के स्टूडेंट की लाश मिलने पर ग्रामीण आक्रोशित हैं। परिजन ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव लेने से मना कर दिया। उनका कहना था कि बेटे की हत्या करने के बाद शव गड्ढे में फेंका गया है। उन्होंने जिला अस्पताल में धरना दे दिया। करीब 5 घंटे बाद पुलिस-प्रशासन की समझाइश के बाद शव लेने के लिए तैयार हुए। मौके पर 200 से ज्यादा पुलिस जवान तैनात रहे।

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मीणा समाज के लोग शुक्रवार सुबह से ही बड़ी संख्या में जिला अस्पताल में बैठ गए। उनकी मांग थी कि मामले में हत्या का केस दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। साथ ही लापरवाही बरतने वाले पुलिस अफसरों पर कार्रवाई हो।

मीणा समाज के लोग अस्पताल में बैठ गए। 200 से ज्यादा पुलिस जवान मौके पर तैनात रहे।

मीणा समाज के लोग अस्पताल में बैठ गए। 200 से ज्यादा पुलिस जवान मौके पर तैनात रहे।

सड़ चुका था शव, बैग और कपड़ों से पहचाना

मूल रूप से हासलपुर का रहने वाला हर्ष मीणा (18) पिता दिनेश मीणा नर्मदापुरम के केंद्रीय विद्यालय में 12वीं का छात्र था। फेंफरताल में किराये के मकान में रहता था। गुरुवार दोपहर उसका शव जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर मेहराघाट होरियापीपर में एक खेत के पास 10 फीट गहरे गड्ढे में अर्द्धनग्न हालत में मिला।

शव पूरी तरह सड़ चुका था। स्कूल बैग और कपड़ों से उसकी पहचान हुई। घटनास्थल पर जहरीले पदार्थ की खाली शीशी भी मिली है। पड़ताल के दौरान पुलिस ने फेंफरताल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो हर्ष अकेला ही जाता दिखा।

पिता बोले- हत्या को सुसाइड में तब्दील किया गया

हर्ष के पिता दिनेश मीणा ने कहा, ‘प्लानिंग के तहत बेटे की हत्या की गई है। इसे सुसाइड में तब्दील करने की कोशिश की जा रही है। देहात थाना पुलिस ने बेटे को तलाशने की कोशिश भी नहीं की। स्कूटी और शव हमने ही ढूंढे।’

उन्होंने कहा- हमने देहात थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। शव रामपुर थाना क्षेत्र में मिला है। देहात थाने के टीआई प्रवीण चौहान और उनकी टीम को हटाकर दूसरी टीम से जांच कराई जाए।

हर्ष के परिजन और समाज वालों ने गुरुवार रात को भी धरना दिया था।

हर्ष के परिजन और समाज वालों ने गुरुवार रात को भी धरना दिया था।

कोचिंग जाने का कहकर निकला था हर्ष

हर्ष के पिता दिनेश मीणा पेशे से किसान हैं। उन्होंने बताया, ‘18 अगस्त को बेटा कोचिंग जाने की बात कहकर निकला था। देर शाम तक नहीं लौटा तो तलाश शुरू की। कोचिंग में जाकर पता चला कि वह आया ही नहीं। उसके दोस्तों से जानकारी मिली कि वह एक लड़की के घर गया था। हम उस लड़की के घर गए। परिजन ने बताया कि हर्ष आया था। उसे समझाइश दी तो वह चला गया था। 19 अगस्त की सुबह थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई।’

उन्होंने कहा, ‘हमने पुलिस के सामने 19 अगस्त को ही बेटे के साथ अनहोनी की बात कही थी। कुछ संदेही लोगों के नाम भी बताए थे। बेटे के किडनैप होने की आशंका जताई थी। इसके बावजूद पुलिस ने सिर्फ मर्ग कायम किया।’

गुरुवार शाम शव का जिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया गया। परिजन ने बेटे का शव लेने से इनकार करते हुए सड़क पर बैठकर धरना दिया।

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