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सुसाइड नोट में लिखा- मरना नहीं चाहता, पत्नी-साले ने मजबूर कर दिया

मैं मरना नहीं चाहता। पत्नी, उसके मौसेरे भाई और मौसा-मौसी ने मजबूर कर दिया। इन्हीं के कारण मैं आत्महत्या कर रहा हूं। ये लोग मुझसे लाखों रुपए ले चुके हैं। पत्नी दबाव बनाती है कि बेटे को तुमसे तभी मिलने दूंगी, जब अपनी मां से संपत्ति में हिस्सा लेकर बच्चे के नाम कर दोगे। बेटे अक्षय से बेहद प्यार करता हूं। भाई सारी संपत्ति तुम रख लेना। पत्नी को कुछ मत देना… कुछ भी नहीं।

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यह आखिरी शब्द इंडियन पोटास लिमिटेड (IPL) के एरिया मैनेजर मनोज रघुवंशी ने अपने सुसाइड नोट में लिखे थे। 30 नवंबर 2023 को उन्होंने घर में जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड कर लिया था। यह घटना उन्हीं के घर में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई थी। इस मामले में लंबी जांच के बाद पुलिस ने मनोज रघुवंशी के थाना प्रभारी साले पर 1 मार्च 2024 को 6 लोगों पर खुदकुशी के लिए उकसाने का केस दर्ज किया था।

9 अप्रैल 2024 को भोपाल जोन-2 की अधीक्षक श्रद्धा तिवारी ने आरोपियों की सूचना देने पर 5 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। वहीं, 19 अप्रैल को मनोज रघुवंशी की मां ने पुलिस कमिश्नर से आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शिकायती आवेदन दिया है

मां ने पुलिस कमिश्नर से की शिकायतमनोज रघुवंशी (40) की मां शकुन ने 19 अप्रैल को पुलिस कमिश्नर कार्यालय में एक आवेदन दिया है, जिसमें बताया कि मेरा बेटा अभिनव होम्स में रहता था। वह IPL कंपनी में एरिया मैनेजर था। उसकी शादी 11 साल पहले ज्योति रघुवंशी से हुई थी। दोनों का 10 साल का बेटा अक्षय है।बेटे मनोज का साला गौरव रघुवंशी एसआई कोतवाली थाना विदिशा में पदस्थ है। वह पूर्व में विदिशा जिले के एक थाने का प्रभारी भी रहा है, और बहू ज्योति का मौसेरा भाई है। गौरव के पिता राम सिंह भी एएसआई पद से रिटायर्ड हैं। ये दोनों बेटे और बहू के आपसी विवाद में बेटे पर दबाव बनाते थे। उसे हत्या के प्रयास के केस में फंसाने की धमकी देते थे।29 नवंबर 2023 को पति-पत्नी के आपसी विवाद में उसके ससुर और साले ने मेरे बेटे पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराने का प्रयास किया। उसे अयोध्या नगर थाने तक बुलाया गया। यहां टीआई को गौरव ने कई कॉल कर झूठा केस दर्ज कराने का प्रयास किया। पूर्व में बहू ज्योति कई बार अपने मायके में चली जाया करती थी। महीनों तक नहीं लौटती थी। दबाव बनवाकर ही उसने बेटे को अलग रहने को मजबूर किया था। वह दबाव बनाकर उसकी संपत्ति को अपने नाम कराना चाहती थी। ऐसा नहीं करने पर मायके लौट जाने की धमकी देती थी।आए दिन की धमकियों से तंग आकर बेटे ने सुसाइड कर लिया था। जिसकी लंबी जांच के बाद एफआईआर दर्ज की गई। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस पार्टी रवाना हो रही थी, जिसकी सूचना अयोध्या थाने के ही एसआई विनोद पंथी ने गौरव को दे दी। तब से ही सारे आरोपी फरार हैं। उनके खिलाफ इनाम तो घोषित किया गया, लेकिन संपत्ति कुर्की की कार्रवाई नहीं की गई है। गौरव को विदिशा पुलिस ने नामजद आरोपी होने और इनामी होने के बाद भी सस्पेंड नहीं किया है। कृपया कर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी कराने का कष्ट करें, जिससे मेरे मृत बेटे को न्याय मिल सके।

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