ग्वालियर के अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में चूहे
ग्वालियर-चंबल संभाग के सबसे बड़े हॉस्पिटल कमलाराजा महिला एवं बाल चिकित्सालय में मरीज और उनके परिजन इन दिनाें चूहों से परेशान हैं। ये चूहे दवाओं और खाने-पीने की चीजों को तो नुकसान पहुंचा ही रहे हैं, नवजातों को भी कुतरने का खतरा है। हालात ये हैं कि परिजन रात-रातभर जागकर मरीज और बच्चों की देखभाल कर रहे हैं।
अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में चूहों की धमाचौकड़ी का वीडियो भी सामने आया है। इसे किसी मरीज के परिजन ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है। वहीं, जिम्मेदारों का कहना है कि चूहों को भगाने के सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
कांग्रेस ने शेयर किया अस्पताल में चूहों का वीडियो
10 जून को मध्यप्रदेश कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर कमला राजा अस्पताल के पोस्ट नेटल वार्ड 1 का वीडियो शेयर किया। इसमें चूहों का झुंड उछल-कूद करता दिख रहा है। चूहे मरीजों का खाना भी खा रहे हैं। पोस्ट पर लिखा है- इनसे जच्चा-बच्चा को इन्फेक्शन का खतरा है।
अस्पताल में दौड़ते चूहों का वीडियो देखने के बाद दैनिक भास्कर ने मौके पर पहुंचकर हालात जाने। यहां भर्ती मरीजों और उनके परिजन का कहना है कि चूहों के कारण न तो खा पाते हैं, न सो पा रहे हैं। कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस बारे में कुछ नहीं कर रहा है।
अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में चूहे रात-दिन इस तरह उछल-कूद करते रहते हैं।
मरीजों के बिस्तर पर भी चढ़ जाते हैं चूहे
समय- मंगलवार रात करीब 9:30 बजे। जगह- कमला राजा महिला एवं बाल चिकित्सालय का पोस्ट नेटल वार्ड-1।
इस वार्ड में 20 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। इनके बीच करीब दो दर्जन चूहे उछलकूद कर रहे थे। एक चूहा पलंग के नीचे बने बिल में घुस रहा था तो दूसरा बाहर निकल रहा था। कई बार तो चूहे मरीजों के बिस्तर पर ही चढ़ जाते हैं। दिन ही नहीं, रात में भी मरीज और परिजन की नजरें इन्हीं पर टिकी रहती हैं। वे चूहों को भगाने की कोशिश ही करते रहते हैं।
मरीज के परिजन को काटा, इंफेक्शन का डर
एक मरीज की परिजन गीता ने कहा, ‘वार्ड में चूहों की भरमार है। डर लगा रहता है कि चूहा अगर जच्चा या बच्चा को काट लेगा तो इंफेक्शन हो जाएगा। हमारा खाना ही नहीं, मरीज का भोजन भी चूहे खराब कर देते हैं। कई बार अस्पताल कर्मचारियों से इसको लेकर बात की लेकिन वे जवाब तक नहीं देते।
एक अन्य मरीज के परिजन देवेंद्र ने कहा, ‘मेरी भाभी की डिलीवरी हुई है। वे यहां तीन दिन से एडमिट हैं। रात में एक चूहे ने मेरे भाई के पैर में काट लिया था। डॉक्टर-नर्स सब देखते रहते हैं। कोई कुछ नहीं करता। कोई सुनवाई नहीं। अब किससे कहें।’
रातभर जागकर करनी पड़ रही सुरक्षा
अस्पताल में चूहों की आमद सीवेज ड्रैनेज लाइन के जरिए होती है। चूहों ने वार्ड की खिड़कियों को काटकर जगह बना ली है। बाथरूम की नालियों से भी चूहे वार्ड में पहुंच रहे हैं। रात में इनकी संख्या ज्यादा बढ़ जाती है। मजबूरन जच्चा-बच्चा की सेफ्टी के लिए परिजन को रातभर जागना पड़ता है।