Gwalior News: एमबीए की पढ़ाई कर चुके हरिशंकर ने नौकरी करने की जगह स्टार्ट-अप खड़ा किया, जानें कैसे
आपदा को अवसर में तब्दील कर हरिशंकर राजे ने एक सफल बिजनेस माडल खड़ा किया है। एम फार्मा और एमबीए की शिक्षा हासिल कर चुके हरिशंकर राजे ने नौकरी की जगह जैविक खाद उत्पादन की ओर सफलतापूर्वक कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ उठाकर वर्मी कम्पोस्ट (केंचुआ खाद) का स्टार्ट-अप शुरू किया है।
सिक्योर एवरग्रीन बायो आर्गेनिक फर्टिलाइजर नाम से स्थापित स्टार्ट-अप के जरिए हरिशंकर अब नौकरी मांगने वाले नहीं नौकरी देने वाले बन गए हैं। ग्वालियर जिले की मुरार तहसील के ग्राम गणेशपुरा निवासी हरिशंकर राजे बताते हैं कि वैश्विक महामारी कोरोना पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से लगाए गए देशव्यापी लाकडाउन के दौरान मुझे अपना स्टार्ट-अप शुरू करने की राह मिली। वे कहते हैं कि प्रधानमंत्री द्वारा लाकडाउन के समय आपदा को अवसर में बदलने के लिए देशवासियों से किए गए आह्वान से प्रेरणा लेकर हमने जैविक खाद उत्पादन की ओर कदम बढ़ाए। हरिशंकर बताते हैं कि लाकडाउन के दौरान हमने यूट्यूब और गूगल सर्च इंजन इत्यादि के जरिए बर्मी कंपाेस्ट उत्पादन इकाई शुरू करने के संबंध में प्राथमिक जानकारी हासिल की। जब लाकडाउन में ढ़ील मिली तब हमने कृषि विज्ञान केंद्र और आत्मा योजना के दफ्तर पहुंकचर विस्तार से बर्मी कंपाेस्ट उत्पादन शुरू करने के संबंध में जानकारी प्राप्त की। युवा उद्यमी हरिशंकर राजे बताते हैं कि हमने पहले अपने खर्चे पर मात्र पांच बैड की बर्मी कंपाेस्ट इकाई लगाकर जैविक अर्थात केंचुआ खाद का उत्पादन शुरू किया। इससे पैदा हुए केंचुए खाद को हमने अपनी खुद की खेती में उपयोग किया, जिसके बड़े उत्साहजनक परिणाम सामने आए। रासायनिक उर्वरकों की जगह केंचुआ खाद देने से न केवल उत्पादन में इजाफा हुआ बल्कि फसलों में अन्य सालों की तरह बीमारियां भी नहीं लगीं। इसके बाद हमने व्यवसायिक रूप से बर्मी कंपाेस्ट स्टार्ट-अप स्थापित करने की सोची। इसके लिए मुझे आर्थिक मदद की जरूरत पड़ी तो हमने खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत ऋण अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन भर दिया। जल्द ही हमें इस कार्यक्रम के तहत 15 लाख रूपये की आर्थिक सहायता
मंजूर हो गई, जिसमें 25 प्रतिशत अनुदान शामिल था। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत हरिशंकर राजे ने अपने ढाई बीघा रकबे में 145 बैड का बर्मी कंपाेस्ट र्स्टाट-अप स्थापित कर दिया। वे बताते हैं कि इस र्स्टाट-अप से हमने पिछले माह ही लगभग दो लाख रूपये का केंचुआ खाद बेचा है। इस व्यवसाय से बहुत कम खर्चे पर एक लाख से लेकर 10 लाख रूपये तक का मुनाफा कमाया जा सकता है। उनका कहना है कि केंचुआ खाद की बड़ी
मांग है। हमारे स्टार्ट-अप से उत्पादित पूरा केंचुआ खाद ग्वालियर व आसपास के क्षेत्रों में आसानी से खप जाता है। हम अपने कारोबार को और आगे बढ़ाएंगे।