जुआरियों को बच्चों की तरह पाल रही भोपाल पुलिस
जुआरियों की सुरक्षा में हो ना कोई चूक, पुलिस रहती है अलर्ट…
भोपाल ब्यूरो चीफ, संजीव कुमार।
बचपन में हम सब ने कभी ना कभी चोर पुलिस का खेल खेला होगा। लेकिन इन दिनों राजधानी भोपाल में जुआरियों और पुलिस का खेल चल रहा है। शहर के जुआरियों का बोलबाला इतना बढ़ गया है कि टीआई से लेकर सीएसपी तक उनकी बुराई सुनने से परहेज करते हैं। यदि सुनते भी हैं तो सिर्फ एक कान से दूसरे कान से तो उनको निकालना ही पड़ती है…। न्यू भोपाल से लेकर पुराने भोपाल तक जुए का जाल फैला पड़ा है। वहीं भोपाल पुलिस अपनी झूठी तारीफ बटोर कर खुद की पीठ थपथपाती रहती है। जुआरियों का वर्चस्व शहर में इतना बढ़ गया है कि जुआ खेलने के लिए उसने शहर के बीचों-बीच होटल तक किराए पर लेकर रखी है। आपको बता दें होटल भी थाने से 100 मीटर की दूरी पर है। जिसकी हिफाजत खुद टीआई और थाने का स्टाफ करता हैं। चलिए हटाते हैं इस पर्दे के पीछे के राज और जानते हैं कौन लोग हैं इस जुए के खेल में शामिल।
होटल श्री गंगा पैलेस (थाना कोतवाली)
भोपाल चौक बाजार के बीचो-बीच स्थित होटल गंगा पैलेस इन दिनों जुआ चरम सीमा पर है। इसके साथ ही यहां से कोतवाली थाना 100 मीटर की दूरी पर भी नहीं है। पुलिस की नाक के नीचे यहां पर लाखों रुपए का रोजाना जुआ खिलाया जाता है और खेला जाता है। आपको बता दें कि थाना परिसर से कुछ ही दूर सीएसपी मैडम भी बैठती है। इन सब की जानकारी होने के बावजूद पुलिस के कान के नीचे जू नहीं रेंगती। कोतवाली थाना इलाके में जिन बदमाशों और जुआरियों द्वारा जुए का गंदा खेल खिलाया जा रहा है। वे कोई छोटे अपराधी नहीं है, बल्कि शहर से कई बार जिलाबदर हो चुके खूंखार अपराधी है। दर्जनों मामले खुद पर लादे यह बदमाश पुलिस की आंखों का तारा बन चुके हैं। लगता है कि अंधेर नगरी चौपट राजा का जुमला भोपाल पुलिस पर बिल्कुल सही बैठता है। सूत्रों के मुताबिक इन पेशावर अपराधियों द्वारा पुलिस से सांठगांठ कर शहर के कई स्थानों पर खुलेआम जुआ- सट्टे का खेल चलाया जा रहा है। इसे देखकर लगता है कि भोपाल पुलिस को शहर की नौजवान नसल की कोई फिक्र नहीं है। दूसरों की नस्ल को जुए में धकेलने में सेभागीदारी देने वाली भोपाल पुलिस को सोचना चाहिए कि जुए जैसे गलत काम की आग कही पुलिस अधिकारियों के घर ना पहुंच जाए।
आईए जानते हैं कौन शहर के मशहूर जुआरी और किस से है पुलिस की यारी
1. सुबोध महाराज- इसके ऊपर मर्डर, हाफ मर्डर, अड़ीबाजी समेत तकरीबन 70 केस दर्ज है। छह बार जिला बदर हो चुका है। सुबोध महाराज पहले चाय की दुकान चलाता था। उसके बाद धीरे-धीरे भी जुए की लत में पड़ा उसके बाद सुबोध ने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। आज सुबोध शहर के जाने-माने जुआरियों में से एक है। कुछ नेताओं से इसके घनिष्ठ संबंध माने जाते हैं।
2. सोनू कोच फैक्ट्री– यह भी जुए की दुनिया में कोई नया नाम नहीं है। सोनू कोच फैक्ट्री से पहले उसका बड़ा भाई जुआ खिलाया करता था उसकी मृत्यु के बाद सोनू ने जुए का अड्डा संभाला और अपने खानदानी काम को आगे बढ़ाया। सोनू कोच फैक्ट्री अभी तक छह बार जिला बदर हो चुका है। इसके साथ इसके ऊपर तकरीबन 58 के दर्ज है। इसके ऊपर भी शहर के नेताओं का साया है।
3. भूरा उर्फ़ सूरज- यह सोनू कोच फैक्ट्री का साला है। इसकी गिनती भी शहर के नामचीन जुआरियों में होती है। आपको बता दे कि भूरा उर्फ सूरज की पत्नी तीसरे वर्क की गवर्नमेंट टीचर है। इसके ऊपर भी 12 से 13 केस दर्ज है।
4. राहुल कंजी– इसका काम है लोगों को जुए के लिए ब्याज पर पैसे देना। और अपने ही अड्डे पर खिलाना और फिर धमकाना। सूत्रों के मुताबिक यह जुए के लिए रेलवे के कर्मचारियों को भी पैसे देता है।
6. राजू बोना– जुआरी बनने से पहले यह एक चाय की दुकान पर काम करता था। मुकेश जोशी नामक व्यक्ति से इसकी पहचान हुई। वे भी जुआ खिलाता था। धीरे-धीरे करके राजू खुद सेट बन गया। और मुकेश जोशी को कहीं दूर पीछे छोड़ दिया।
7. साजिद नेता- ऑटो चालक से बदमाश बना साजिद आजकल जुए की दुनिया में जमकर छाया हुआ है। सूत्रों के मुताबिक कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित होटल श्री गंगा पैलेस इसी ने जुआ खिलवाने के लिए किराए पर ले रखी है। साजिद भी शहर का निगरानीशुदा बदमाश है। आपको बता दें इसके ऊपर भी मारपीट अड़ीबाजी, लड़ाई, चोरी सहित जुए के कई मामले दर्ज। यह भी एक मंत्री का खास माना जाता है।
5. प्रेम कंजर– गांजा तस्करी के साथ-साथ जुआ के काम में भी इसका अच्छा खासा वर्चस्व है। यह एक शातिर अपराधी है और कई बार जेल जा चुका है। गांजा, शराब के बाद यह जुए के काम में उतर गया। इसके ऊपर गांजा शराब जुआ एक्ट के कई मामले दर्ज है।
पुलिस क्यों नहीं करती जुए पर कार्रवाई, बना रखा है भाईचारा
यह वही जुआरी है जिनका शहर के कई इलाकों में जुआ चलता है । और पुलिस गहरी नींद सोती है। आपको बता दे इनके लिए जेल जाना कोई बड़ी बात नहीं है। पूरे शहर कि नई नस्ल को बर्बाद करने में यह सभी अपराधी और इन जैसे और कई कहीं ज्यादा जिम्मेदार है। इन सभी अपराधियों ने शहर के कई इलाकों में अपने अड्डे बना रखे हैं। जो पूरी रात खुले रहते हैं। और नई उम्र के नौजवान जिसको यह कबूतर बोलते हैं उसे अपने षड्यंत्र में फसाते हैं। पूरी रात शहर में जीत हार का खेल चलता रहता है। पुलिस अपनी दोस्ती निभाती रहती है। पत्रकारों द्वारा जब थाना प्रभारी और सीएसपी, एसपी रैंक के अधिकारियों को जब पत्रकार इसकी जानकारी देते हैं। तो पुलिस कार्रवाई करने के बजाय बात घुमाने लग जाती है। पत्रकार द्वारा जब थाना प्रभारी और सीएसपी को जुए की फड़ पर छापा मारने के लिए कंफर्म लोकेशन के साथ टिप दी जाती है। पुलिस अपने प्यारो को बचाने के लिए निकल जाती है। और उनको अलर्ट कर देती है। यह है कुछ कारनामे में पुलिस के जो शहर में मुंह-मियां मिठ्ठू बनकर घूमती रहती है।