Madhya Pradesh Weather: सतर्कता व आनंद का समय
Madhya Pradesh Weather: मध्य प्रदेश इन दिनों कड़ाके की ठंड की चपेट में है। पारा लगातार नीचे की ओर गिर रहा है। कई इलाकों में कोहरा है। मौसम के दृष्टिकोण से यह समय अत्यंत सतर्क रहने का है। जरा भी लापरवाही बीमारी की ओर धकेल सकती है। किंतु एक दृष्टिकोण यह भी है कि सतर्कतापूर्वक इस मौसम का आनंद लिया जाए। मध्य प्रदेश जैसे मैदानी इलाके में ऐसी कड़ाके की ठंडक पूरे वर्ष में केवल 10-12 दिन ही तो मिल पाती है। ऐसे ही मौसम को अनुभूत करने के लिए मैदानी क्षेत्र के हम लोग मोटा पैसा खर्च करके पहाड़ी प्रदेशों में जाते हैं। तो जब यह मौसम हमारी ही दहलीज और गैलरी में आ चुका है, तो क्यों न समझदारीपूर्वक इसका आनंद लिया जाए। किंतु यहां यह कहने या समझाने की आवश्यकता नहीं कि मौसम एक दोधारी तलवार है। यदि इसे सूझबूझ के साथ बरता जाए तो यह आनंद का विषय है और यदि लापरवाही के कारण इसके चंगुल में फंस जाया जाए, तो यह अभिश्ााप भी है।
समाज का एक वर्ग ऐसा भी है जिसके लिए यह कड़ाके की ठंड किसी दुस्वप्न से कम नहीं। फुटपाथ, बस स्टैंड या रेलवे स्टेशनों जैसे सार्वजनिक स्थलों पर सोने वाले बेघर लोगों के लिए यह मर्मांतक है। अत: प्रदेशभर के प्रत्येक नगर, कस्बे में प्रशासन को चाहिए कि वह इन बेसहारा, बेघर लोगों की सुध ले। अंतत: ये हमारे समाज के नागरिक हैं और संवैधानिक रूप से इनके पास वे तमाम अधिकार समान रूप से हैं, जो देश के किसी भी अन्य नागरिक को उपलब्ध हैं। इसलिए नगरीय निकाय इनके रहने के लिए रैन बसेरों में व्यवस्था रखे। वहां भोजन, अलाव आदि के इंतजाम भी किए जाने चाहिए। यूं भी सुशासन उसी को कहा जाता है, जहां शासन-प्रशासन द्वारा प्रत्येक नागरिक का ध्यान रखे जाने की व्यवस्था हो।
एक वर्ग और है, जिसके लिए मौसम का यह स्वरूप आनंद नहीं बल्कि गहरी मार का सबब बन जाता है, वे हैं हमारे किसान बंधु-बांधव। किसान भाई इन दिनों गेहूं, चना सहित खेतों में उगी अन्य फसलों के बेहतर उगने का सपना पाले बैठे हैं, कहीं यह ठंड उनके सपनों पर ही पाला न मार जाए। अत: कृषि व उद्यानिकी विभागों को चाहिए कि वे किसानों को अपनी फसल को पाले से बचाने के लिए किए जा सकने वाले उपायों की जानकारी दें। यह काम सरकारी प्रचार की तरह बेरुखे ढंग से न हो बल्कि युद्धस्तर पर किया जाए, क्योंकि एक रात की कड़ाके की ठंड भी फसल को बर्बाद कर देने की क्षमता रखती है।
बहरहाल, कुल मिलाकर यह मौसम आनंदित होने का तो है किंतु पूरी सतर्कता के साथ। खान-पान और पहनने-ओढ़ने का आनंद लीजिए, किंतु बीमार हुए बिना। मौसम के साथ ही हमें कोरोना से बचे रहने के उपाय भी अपनाने होंगे।