महादेव सट्टा ऐप का मेन ऑपरेटर भोपाल में गिरफ्तार
महादेव सट्टा ऐप मामले में ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने दुबई के हवाला ऑपरेटर की 580 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। इसमें 3.64 करोड़ कैश और कीमती सामान शामिल है। जांच के दौरान ED को छत्तीसगढ़ के अफसरों और नेताओं के कथित रूप से शामिल होने का भी पता चला है।
वहीं सूत्रों के मुताबिक, महादेव सट्टा ऐप के मेन ऑपरेटर गिरीश तलरेजा को भोपाल में गिरफ्तार कर लिया गया है। संभवत: उसे आज रायपुर ED को सौंपा जा सकता है। ED को जांच के दौरान तलरेजा और रतनलाल जैन के शुभम सोनी के साथ करोड़ों के ट्रांसजेक्शन मिला था। शुभम सोनी अभी फरार है।
भोपाल में गिरफ्तार हुआ महादेव सट्टा ऐप का मेन ऑपरेटर आरोपी गिरीश तलरेजा।
पैनल ऑपरेटर की गिरफ्तारी के बाद तलरेजा तक पहुंची ED
दरअसल, दो सप्ताह पहले ED ने भिलाई से 25 साल के नीतीश दीवान को गिरफ्तार किया था। वैशाली नगर का रहने वाला नीतीश दीवान महादेव सट्टा ऐप प्रमोटर के साथ ऐप के पैनल ऑपरेशन का काम करता था और 2 साल तक दुबई में रहा है। बताया जा रहा है कि उसकी निशानदेही पर ही टीम तलरेजा तक पहुंची है।
नीतीश ने महादेव ऐप के पैसों को क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट किया है। उसका काम पैनल ऑपरेटर को समय-समय पर चेक करना होता था।
28 फरवरी को रायपुर सहित कई जगह मारे थे छापे
ED ने 28 फरवरी को रायपुर सहित कोलकाता, गुरुग्राम, दिल्ली, इंदौर और मुंबई में एक साथ छापे मारे थे। सूत्रों के मुताबिक, ED ने इस मामले में एक हवाला ऑपरेटर हरिशंकर टिबरेवाल की पहचान की है। वह कोलकाता का रहने वाला है और फिलहाल दुबई में रहता है।
स्काई एक्सचेंज ऐप का संचालन कर रहा था टिबरेवाल
बताया जा रहा है कि टिबरेवाल ने कही महादेव ऐप के प्रमोटरों के साथ मिलकर कथित रूप से अवैध सट्टेबाजी ऐप स्काई एक्सचेंज का संचालन भी किया। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, टिबरेवाल की ही 580.78 करोड़ की संपत्ति को PMLA के तहत जब्त किया गया है।
जांच के दौरान पता चला है कि आरोपी टिबरेवाल सट्टेबाजी में मिली रकम को अपनी दुबई स्थित इकाइयों से विदेशी पोर्टफोलियो (FPI) के जरिए भारतीय शेयर बाजार में निवेश कर रहा था। उसने अपने कई सहयोगियों को कंपनियों का निदेशक बना रखा जो इसमें शामिल थे।
छत्तीसगढ़ पुलिस की FIR पर शुरू हुई कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, तलाशी के दौरान एजेंसी को 1.86 करोड़ रुपए कैश और 1.78 करोड़ की कीमती चीजें बरामद हुईं हैं। ED ने छत्तीसगढ़ पुलिस की दर्ज की गई FIR के आधार पर जांच शुरू की। इसके बाद, विशाखापत्तनम और अन्य राज्यों में दर्ज FIR को शामिल किया।