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“PM मोदी का मंदिर बनाने वाले मयूर मुंडे का भाजपा से इस्तीफा: वफादार कार्यकर्ताओं की अनदेखी पर बड़ा आरोप”

प्रधानमंत्री मोदी का मंदिर बनाने वाले मयूर मुंडे ने छोड़ी भाजपा, वफादार कार्यकर्ताओं के साथ “अन्याय” का आरोप

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पुणे, 5 अक्टूबर 2024: महाराष्ट्र के पुणे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंदिर बनाने वाले भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता मयूर मुंडे ने पार्टी से इस्तीफा देकर हलचल मचा दी है। श्री नमो फाउंडेशन के संस्थापक मयूर मुंडे ने 2021 में मोदी मंदिर का निर्माण किया था, जो उस समय काफी चर्चा में रहा था। अब उन्होंने भाजपा पर वफादार कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और अन्याय का गंभीर आरोप लगाया है।

मुंडे का बड़ा आरोप: “वफादार कार्यकर्ताओं की हो रही है अनदेखी”

मुंडे ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि उन्होंने पार्टी के लिए वर्षों तक निष्ठापूर्वक काम किया, लेकिन अब पार्टी में उनकी और अन्य पुराने कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। “विधायक पुराने और वफादार कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर रहे हैं। पार्टी में नए लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि हमारी राय तक नहीं ली जा रही है,” उन्होंने कहा।

मुंडे ने विधायक सिद्धार्थ शिरोले पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि शिरोले अपने राजनीतिक हित साधने के लिए दूसरे दलों से आए नेताओं को तरजीह दे रहे हैं और विकास निधि का उपयोग उन इलाकों में कर रहे हैं जहां हाल ही में भाजपा में शामिल हुए लोग रहते हैं। “वफादार कार्यकर्ताओं के क्षेत्रों में कोई विकास नहीं हो रहा है,” मुंडे ने कहा।

“भाजपा में वफादारी की कद्र नहीं”

मयूर मुंडे के अनुसार, पार्टी की नीतियों में अब वफादारी को महत्व नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, “मैंने पार्टी के विभिन्न पदों पर रहते हुए ईमानदारी से काम किया, लेकिन अब पार्टी उन लोगों को प्राथमिकता दे रही है जो दूसरे राजनीतिक दलों से भाजपा में आए हैं।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले पाँच वर्षों में शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य ठप पड़े हैं, जबकि विधायक को इसके लिए पर्याप्त धन मिला था। “शिवाजीनगर में दो बड़ी परियोजनाओं के लिए धन आवंटित हुआ था, लेकिन विधायक ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे क्षेत्र का विकास रुक गया है,” उन्होंने कहा।

सोशल मीडिया पर हलचल, इस्तीफे से भाजपा में खलबली

मयूर मुंडे के इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया पर भी जोरदार बहस शुरू हो गई है। कई लोग मुंडे के इस कदम को भाजपा के अंदरूनी कलह के संकेत के रूप में देख रहे हैं। ट्विटर पर #MayurMundeResigns और #BJPCrisis जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं।

मुंडे के इस्तीफे के बाद भाजपा की पुणे इकाई में खलबली मच गई है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर रहे हैं कि आखिरकार मुंडे जैसा निष्ठावान कार्यकर्ता क्यों पार्टी से अलग हो गया। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह भाजपा के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, खासकर 2024 के चुनावों से पहले।

भविष्य की राजनीति पर अटकलें

मुंडे के इस्तीफे के बाद यह सवाल उठ रहा है कि वह आगे कौन सी पार्टी जॉइन करेंगे, या क्या वह अपनी खुद की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत करेंगे। फिलहाल मुंडे ने अपने भविष्य की योजनाओं को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है, लेकिन यह साफ है कि उनका भाजपा से इस्तीफा पुणे की राजनीति में बड़ी हलचल पैदा करेगा।

भाजपा के लिए बड़ा झटका

मयूर मुंडे का इस्तीफा भाजपा के लिए न केवल पुणे में बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में भी एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। मुंडे ने स्पष्ट किया है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर समर्थक हैं, लेकिन पार्टी के वर्तमान नेतृत्व से बेहद निराश हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस स्थिति से कैसे निपटती है और मुंडे का अगला कदम क्या होता है।

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