MP Budget 2022: उम्मीदों को लगे पंख, जबलपुर में चार्जिंग स्टेशन, नरसिंहपुर, कटनी में औद्योगिक पार्क की मिली सौगात
सुनील दाहिया, जबलपुर। कोरोना महामारी से ऊबर रहे प्रदेश का आम बजट बुधवार को पेश हो गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सभी वर्गो का ख्याल रखते हुए वर्ष 2022-23 के लिए संतुलित बजट पेश किया। जिसमें संस्कारधानी जबलपुर सहित महाकोशल और विंध्य को भी तवज्जो दी गई। इसी के साथ बजट से की जा रही उम्मीदों को भी पंख लगे। जिससे महाकोशल, विंध्य भी आंशिक ही सही पर उड़ान भर सकेगा। बजट में मां नर्मदा के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के साथ ही रोजगार के नए रास्ते खोलने अटल प्रगति पथ के तहत मां नर्मदा उद्गन स्थल अमरकंटक से अंतिम छोर तक नर्मदा प्रगति पथ निर्माण प्रस्तावित किया गया है। इसमें जबलपुर के ग्वारीघाट, लम्हेटाघाट, तिलवाराघाट भी शामिल है। इसी के साथ महाकोशल विंध्य के लिए भी वित्त मंत्री के पिटारे से काफी कुछ निकला है जो विकास की नई दिशा तय करेगा।
मध्यप्रदेश वर्ष 2022-23 के पूंजीगत व्यय के बजट अनुमान को पुनः लगभग 21 प्रतिशत बढ़ाकर कुल 48 हजार 800 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। कोविड की दूसरी और तीसरी लहर के बावजूद वित्त वर्ष 2021-22 का पुनरीक्षित अनुमान विगत वर्ष से लगभग आठ हजार 829 करोड़ रुपये अधिक होकर 40 हजार 415 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो एक कीर्तिमान है।
ई-चार्जिंग स्टेशन: बजट में पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए गैर ईधन वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 217 ई-चार्जिंग स्टेशन विकसित करने का प्राविधान किया गया है। जिसमें जबलपुर भी शामिल है। ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित होने से यहां ई-रिक्शा की संख्या तो बढ़ेगी ही आटो रिक्शा की धमाचौकड़ी और उससे होने वाले प्रदूषण से भी राहत मिलेगी। इसके अलावा लोग ई-चार्जिंग वीकल खरीदने के लिए भी आगे आएंगे। औद्योगिक पार्क-
बजट में महाकोशल को दी गई सौगात में औद्योगिक पार्क भी शामिल हो गया है। बजट में नरसिंहपुर और कटनी के लमतरा में औद्योगिक पार्क की स्थापना किए जाने का प्राविधान किया गया है। इसके ग्रामीण क्षेत्रों में खेती किसानी के अलावा औद्योगिक क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
सिंचाई: इसके अलावा बजट में सिंचाई को प्रोत्साहित करते हुए चिंकी बेराज बैराज संयुक्त बहुउद्देशीय परियोजना के तहत नरसिंहपुर-रायसेन में करीब आठ हजार करोड़ की लागत से परियोजना आंरभ करने की बात कही गई है। इसमें दो लाख 12 हजार हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता बढ़ाने के साथ ही 50 मेगावाट बिजली उत्पादन करने का प्राविधान है।