राजधानी के ईदगाह हिल्स स्थित फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की प्रदेश की एकमात्र स्टेट फूड लैब में भोपाल सहित पूरे प्रदेश से दूध, मावा, पनीर, घी, अन्य खाद्य पदार्थों के सैंपलों का ढेर लग गया है। इन सैंपलों की रिपोर्ट जारी नहीं हो रही है। वजह लैब का एनएबीएल सर्टिफिकेशन खत्म होना है।
हर महीने फील्ड से फूड ऑफिसर नमूने तो ले रहे हैं पर उनका एनालिसिस नहीं हो पा रहा है। जब तक एनएबीएल सर्टिफिकेशन नहीं हो जाता है, तब तक एनालिसिस नहीं किया जा सकता है। इसी वजह से भोपाल के करीब 200 और प्रदेश के 2 हजार से ज्यादा सैंपलों की जांच रिपोर्ट जारी नहीं हो पाई है।
जबकि इन रिपोर्ट को जारी करने की समय सीमा मात्र 14 दिन एक्ट के हिसाब से तय है। इधर, अफसर दावा कर रहे हैं कि सब कुछ तय समय सीमा में चल रहा है। कुछ छोटे-मोटे इश्यू हैं। उनका समाधान कराया जा रहा है।
20 मई को खत्म हुई थी मान्यता
20 मई को एनएबीएल की मान्यता हो गई थी। 24-25 मई को दिल्ली से ऑडिट के लिए एनएबीएल की टीम आई थी। नियमानुसार एनएबीएल खत्म होने के बाद रिपोर्ट जारी नहीं की जा सकती हैं। यहां पर इसका पालन नहीं किया गया और रिपोर्ट जारी कर दी गई। इस पर ऑडिट टीम ने आपत्ति जताई है। इसके चलते मान्यता नहीं मिल पाई। बताए गए पैरामीटर पूरे करने के बाद ही लैब को एनएबीएल प्रमाण मिल सकेगा।
इंस्पेक्टर को 10 सैंपल लेना जरूरी
वरिष्ठ अफसरों ने बताया कि हर इंस्पेक्टर को हर महीने 10 लीगल सैंपल लेना अनिवार्य है। एमपी में कुल 150 इंस्पेक्टर हैं। ऐसे में एक महीने में पूरे प्रदेश से करीब 1500 सैंपल ईदगाह हिल्स लैब में जांच के लिए भेजे जाते हैं। नियमानुसार एक लीगल सैंपल की जांच के लिए 14 दिन एक्ट में तय हैं।
इसलिए महत्वपूर्ण है
एनएबीएल मान्यता एनएबीएल मान्यता का अर्थ है कि प्रयोगशाला अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों को पूरा करती है और सटीक और विश्वसनीय परीक्षण परिणाम देती है। यह ग्राहकों को आश्वस्त करता है कि प्रयोगशाला की परीक्षण और अंशांकन सेवाएं उच्चतम गुणवत्ता की हैं।
एक्सपर्ट बोले– एनएबीएल बगैर एनालिसिस नहीं होता फूड एनालिस्ट चतुर्भुज मीणा ने बताया कि नियमानुसार एनएबीएल होने के बाद ही लैब में फूड सैंपल को जांच के लिए लिया जा सकता है। यदि ये खत्म हो गया है तो सैंपल का एनालिसिस भी नहीं किया जा सकता है। न ही रिपोर्ट जारी की जा सकती है। बाद में जब एनएबीएल मिल जाता है तब उसकी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र करना होता है कि एनएबीएल नहीं होने के चलते सैंपल का एनालिसिस नहीं किया गया। इसलिए रिपोर्ट जारी करने में देरी हुई। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा-43 में एनएबीएल लैब में जांच किए जाने की जानकारी दी गई है।
टीम के कुछ सवाल थे उनके जवाब दे दिए गए हैं, पैरामीटर पूरे हैं
रुटीन प्रक्रिया के तहत एनएबीएल लैब का सर्टिफिकेशन किया जाता है। टीम की कुछ सवाल थे। जिनके जवाब दे दिए गए हैं। लैब सभी पैरामीटर ठीक है। कुछ दिनों में ये प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। रिजल्ट जारी किए गए हैं या नहीं। इसकी जानकारी लेकर बता पाऊंगा। – दिनेश कुमार मौर्य, नियंत्रक फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन