लड़कियां पार्थ का पसीना पोंछती थीं:पार्थ का मोनालिसा से भी था अफेयर
यदि 50 करोड़ पार्थ के नहीं हैं तो जिसके हैं, उसका वो नाम क्यों नहीं बता रहे…
कभी पार्थ चटर्जी की बेहद करीबी कही जाने वाले बैसाखी का कहना है, ‘मैं पार्थ चटर्जी को 2016 से जानती हूं। उनके बार-बार जिद करने पर ही WBCUPA की जनरल सेक्रेटरी बनी थी। उन्होंने मुझे कभी ऐसी निगाहों से नहीं देखा कि शर्मिंदा होना पड़े या मैं अनकम्फर्टेबल महसूस करूं।’
‘लेकिन उनके साथ अलग-अलग लड़कियों के नाम हमेशा जुड़ते रहे। उनकी करीबी अर्पिता के पास से जो 50 करोड़ रुपए कैश मिले हैं यदि वे पार्थ के नहीं हैं तो उन्हें यह बताना चाहिए कि वो किसके हैं। षड़यंत्र में फंसाने की बात भी उन्होंने चार-पांच दिन बाद कही। जबकि कोई षडयंत्र में फंसता है तो सबसे पहले यही बात कहता है।’