भोपाल में ईदुल अजहा (बकरीद) शनिवार को मनाई गई। सुबह मुख्य नमाज के बाद कुर्बानी का सिलसिला चला। इसके चलते नगर निगम की टीमें कुर्बानी का अवशेष एकत्रित करने के लिए गली-मोहल्लों में पहुंची। कुल 91 कंटेनर के जरिए अवशेष आदमपुर खंती में बने रेंडरिंग प्लांट पर ले जाया गया।
नगर निगम के साथ स्वच्छता से जुड़े लोगों की टीमें भी मैदान में रही। इम्तियाज खान समेत टीम ने घर-घर जाकर लोगों से यह जानकारी ली कि उन्होंने कुर्बानी का अवशेष निगम की गाड़ी में डाला है या अभी घर में रखा हुआ है? जिनके घरों में कचरा रखा मिला, उन्हें निर्धारित पॉइंट पर डलवाया गया। वहीं, एएचओ आसिफ नजीर के साथ करीब 70 लोगों ने तालाबों में जाकर अपशिष्ट जाने से रोका।

रेंडरिंग प्लांट में पहुंचा वेस्ट ऐसा पहली बार हो रहा है, जब रेंडरिंग प्लांट में सारा वेस्ट जा रहा है। इससे मुर्गी-बिल्लियों के लिए दाने बनाए जाएंगे। बता दें कि रेंडरिंग प्लांट में पशुओं के शव या मांस के अपशिष्ट को इकट्ठा किया जाता है। इनमें खाल, चर्बी, हड्डी भी शामिल हैं। प्लांट में शव को छोटे टुकड़ों में काटा जाता है और प्रोसेस फिर फिर उच्च तापमान पर पकाया जाता है। सा करने के बाद जानवरों के लिए दाने तैयार किए जाते हैं।
महापौर मालती राय ने बताया-
इस साल नगर निगम ने आदमपुर छावनी में रेंडरिंग प्लांट स्थापित किया है। जिसमें स्लाटर वेस्ट से मुर्गी व मछली के लिए दाना तैयार किया जाएगा। यह प्लांट मध्यप्रदेश में अपने किस्म का पहला प्लांट है। रेंडरिंग प्लांट में स्लाटर वेस्ट का उपयोग होने से अब पूर्व की तरह स्लाटर वेस्ट को जमीन में गाड़ा नहीं जाएगा। स्लाटर वेस्ट को अस्थायी सेकेंडरी स्टोरेज पाइंट पर एकत्र कर सीधे आदमपुर छावनी स्थित रेंडरिंग प्लांट भेजा जा रहा है।
शहर में रखे गए कंटेनर महापौर राय ने अस्थायी सेकेंडरी स्टोरेज पाइंट एवं अन्य स्थानों पर आवश्यक रसायन, शहर में पर्याप्त मात्रा में कंटेनर आदि की व्यवस्था भी करने को कहा था। इसके चलते शहर में 43 अस्थायी पशुवध गृह बनाए गए। इसके अलावा जोन क्षेत्रों से स्लाटर वेस्ट एकत्रित कर जिंसी स्लाटर हाउस व अस्थायी सेकेंडरी स्टोरेज पाइंट और वहां से आदमपुर छावनी स्थित रेंडरिंग प्लांट भेजा गया। शहर के विभिन्न जोन क्षेत्र में 91 कंटेनर रखे गए।