झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से श्योपुर में आदिवासी युवक की मौत, स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर
श्योपुर, मध्य प्रदेश (विशेष संवाददाता)
श्योपुर जिले के सिरसनबाड़ी गांव में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने एक निर्दोष जीवन को समाप्त कर दिया। हरिसिंह आदिवासी, जो कि पेट दर्द से पीड़ित था, अपनी जान गंवा बैठा। यह घटना कराहल कस्बे में स्थित राधेश्याम कुशवाह नामक झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर हुई, जहां हरिसिंह ने पेट दर्द के इलाज के लिए दवा ली थी।
हरिसिंह को पेट दर्द की शिकायत पर गांव के अन्य लोगों की सलाह पर राधेश्याम कुशवाह के पास ले जाया गया था। डॉक्टर ने जल्दबाजी में बिना किसी उचित जांच के हरिसिंह को दवा दी। दुखद रूप से, दवा लेने के लगभग आधे घंटे बाद हरिसिंह की हालत बिगड़ गई और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। परिवार के सदस्यों ने तुरंत डॉक्टर की लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई।
स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता
यह घटना कोई नई बात नहीं है। श्योपुर जिले में झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक लंबे समय से फैला हुआ है। इसके बावजूद, स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन अवैध डॉक्टरों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण लोगों को ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर रहना पड़ता है, जो बिना किसी वैध योग्यता और अनुभव के लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
स्थानीय निवासियों ने इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता पर सवाल उठाए हैं। हाल के वर्षों में कई लोगों की जान इन झोलाछाप डॉक्टरों के गलत इलाज के कारण चली गई है, फिर भी प्रशासन इन पर रोक लगाने में विफल रहा है।