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भोपाल के बड़ा तालाब में आज से चलेगा शिकारा

भोपाल के बड़ा तालाब में आज से शिकारा चलेगा। यह श्रीनगर की डल झील जैसे होगा। शुक्रवार को विधायक, महापौर समेत अन्य जनप्रतिनिधि इसकी शुरुआत करेंगे। नगर निगम ने रजिस्टर्ड मछुआरे से एक शिकारा तैयार कराया है। यह प्रयोग सफल रहा तो अगले एक महीने में एक-दो शिकारे और पानी में उतारे जाएंगे।

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एमआईसी मेंबर रविंद्र यति ने बताया, श्रीनगर की डल झील में ऐसे ही शिकारे चलते हैं। चूंकि, भोपाल में मध्यप्रदेश-देश के कई हिस्सों से पर्यटक आते हैं। वहीं, स्थानीय स्तर पर भी हजारों लोग बोट क्लब में घूमने जाते हैं, इसलिए शिकारा चलाने की पहल की गई है। बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने करीब 10 महीने, 12 सितंबर को क्रूज और मोटर बोट पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सामान्य बोट ही चलाई जा रही थी।

एनजीटी ने यह दिए थे आदेश
पिछले साल भोज वेटलैंड (बड़ा तालाब), नर्मदा समेत प्रदेश के किसी भी वाटर बॉडीज में क्रूज और मोटर बोट के संचालन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रोक लगा दी थी। एनजीटी ने इसे अवैध गतिविधि ठहराते हुए बड़ा तालाब में क्रूज का संचालन बंद करने के आदेश दिए थे। आदेश में कहा गया था कि डीजल और डीजल इंजन से निकलने वाले उत्सर्जन को इंसानों समेत जलीय जीवों के लिए खतरा है, क्योंकि इससे उत्सर्जित सल्फर और नाइट्रोजन ऑक्साइड पानी को एसिडिक बना देता है। यह इंसानों और जलीय जीवों दोनों के लिए कैंसरकारी है। भोज वैटलेंड के लिए जारी यह आदेश नर्मदा नदी समेत प्रदेश की सभी प्रकार की वेटलैंड पर लागू हो गया था।

तभी से बंद ‘लेक प्रिंसेस’ क्रूज और ‘जलपरी’
भोपाल के बड़ा तालाब में एनजीटी के आदेश के बाद से ही ‘लेक प्रिंसेस’ क्रूज और ‘जलपरी’ मोटरबोट बंद कर दी गई थी। पर्यटन विकास निगम ने क्रूज और जलपरी के साथ करीब 20 मोटर बोट का संचालन भी नहीं किया।

क्रूज नहीं चलने से लोग मायूस
क्रूज और मोटर बोट चलने के दौरान बोट क्लब में हर रोज एक हजार से ज्यादा लोग पहुंचते थे। वे क्रूज और मोटर बोट के जरिए बड़ा तालाब की लहरों को करीब से देखते थे। ये बंद होने के बाद प्राइवेट नाव से ही वे बड़ा तालाब के नजारे का लुत्फ उठाते रहे हैं। अब शिकारे चलने से नया अनुभव मिलेगा।

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