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Shivraj Cabinet Decision: स्टार्ट अप को सरकारी निविदा में अनुभव और टर्नओवर की छूट

वित्तीय संस्था से निवेश प्राप्त करने पर 15 लाख रुपये और पेटेंट प्राप्त करने के लिए पांच लाख रुपये की मिलेगी सहायता

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Shivraj Cabinet Decision: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। प्रदेश में स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए एक करोड़ रुपये की सरकारी निविदा में अनुभव और टर्न ओवर की शर्त में छूट देगी। एक करोड़ रुपये अधिक की निविदा के लिए संबंधित विभाग को स्टार्ट अप से सेवा या उत्पाद उपार्जन का प्रविधान करने का अधिकार रहेगा। उत्पाद का पेटेंट कराने के लिए पांच लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। इसके लिए शर्त यह रहेगी कि स्टार्ट अप मध्य प्रदेश में स्थापित होना चाहिए। यह प्रविधान मध्य प्रदेश स्टार्ट अप नीति और कार्यान्वयन योजना 2022 में किया गया है। इसे शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में शुरू होने वाले स्टार्ट अप को विकसित करने के लिए प्रोत्साहन देगी। कृषि और खाद्य क्षेत्र में स्टार्ट अप के विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर इन्हें स्थापित करने के लिए मार्केटिंग और ब्रांडिंग की जाएगी। भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 में संशोधन करके स्टार्ट अप को अनुभव और टर्नओवर संबंधी शर्तो में छूट देने का प्रविधान किया गया है। सुरक्षा निधि से छूट दी जाएगी।

सेबी या आरबीआइ द्वारा अधिमान्यता प्राप्त वित्तीय संस्था से निवेश प्राप्त करने वाले स्टार्ट अपर को पहले निवेश के लिए 15 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। महिलाओं द्वारा स्थापित स्टार्ट अप को 20 प्रतिशत अतिरिक्त सहायता मिलेगी। स्टार्ट अप से संबंधित कार्यक्रम के आयोजन के लिए इन्क्यूबेटर को पांच लाख रुपये प्रति आयोजन की सहायता दी जा सकेगी पर यह एक साल में 20 लाख रुपये से अधिक नहीं होगी। इन्क्यूबेटर के उन्न्यन के लिए एक बार पांच लाख रुपये की एकमुश्त सहायता बीस प्रतिशत क्षमता में वृद्धि करने की शर्त पर दी जाएगी।

किराय चुकाने मिलेगी आर्थिक सहायता

लीज पर लिए कार्यस्थल का किराया चुकाने के लिए किराए का पचास प्रतिशत अधिकतम पांच हजार रुपये की लीज रेंट सहायता तीन वर्ष के लिए दी जाएगी। यह सुविधा औद्योगिक क्षेत्र, पार्क क्लस्टर में स्थापित उत्पाद आधारित स्टटार्टअप को चुकाए गए लीज रेंट और संधारण शुल्क पर भी मिलेगी। कौशल विकास एवं प्रशिक्षण के लिए प्रति नवीन कर्मचारी 13 हजार रुपये प्रतिवर्ष की सुविधा तीन वर्ष के लिए अधिकतम 25 कर्मचारियों को दी जाएगी। इसका लाभ सिर्फ मध्य प्रदेश के मूल निवासी कर्मचारी को मिलेगा।

इसी तरह स्टार्ट अप द्वारा वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने के दिन से तीन साल की समयावधि में नियुक्त किए गए सभी नए कर्मचारियों को पांच हजार रुपये प्रतिमाह रोजगार सृजन अनुदान दिया जाएगा। यह अधिकतम सुविधा 25 कर्मचारियों को तीन वर्ष के लिए ही दी जाएगी। सभी पात्र नई इकाइयों को बिजली कनेक्शन लेने के दिनांक से तीन वर्ष के लिए विद्युत शुल्क से छूट रहेगी।

वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने से तीन साल के लिए बिजली की आपूर्ति पांच रुपये प्रति यूनिट की दर से होगी। नवाचार को प्रोत्साहन देने के लिए एक करोड़ रुपये की विशेष प्रोत्साहन सहायता प्रदान की जाएगी। इसके लिए स्टार्ट अपर का चयन मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति करेगी। योजना के कार्यान्वयन के लिए समितियां गठित की जाएगी।

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