राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के विशेष संयुक्त राज्य प्रतिनिधि सम्मेलन का भव्य शुभारंभ मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में हुआ।
कार्यक्रम का उद्घाटन रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने किया। इस दौरान उनका स्वागत डीजी एनसीसी लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीर पाल सिंह ने किया। जिन्होंने स्वागत भाषण में एनसीसी की हालिया उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की।
सम्मेलन में देशभर से आए एनसीसी निदेशालयों के प्रमुख, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न राज्यों के शिक्षा, युवा एवं खेल विभागों के प्रतिनिधि और एनसीसी मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य एनसीसी कैडेटों की संख्या में 3 लाख की वृद्धि के प्रस्ताव पर विचार करना था। इस विस्तार के लिए कई राज्यों ने सहमति दे दी है, वहीं संबंधित प्रशिक्षण अवसंरचना को शीघ्र मंजूरी देने का भरोसा भी जताया गया।

पूर्व सैनिकों को एनसीसी में प्रशिक्षक के रूप में नई भूमिका डीजी एनसीसी ने अपने संबोधन में बताया कि भविष्य में एनसीसी का फोकस कैडेटों के लिए आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाओं, डिजिटल संसाधनों और बेहतर शिविर संरचनाओं के विकास पर रहेगा।
उन्होंने कहा कि इस विस्तार से जहां युवाओं को बेहतर नेतृत्व और अनुशासन का प्रशिक्षण मिलेगा, वहीं पूर्व सैनिकों को एनसीसी में प्रशिक्षक के रूप में नई भूमिका और रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा-
एनसीसी केवल एक प्रशिक्षण संस्था नहीं, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण की नींव है। उन्होंने एनसीसी कैडेटों द्वारा स्वच्छ भारत मिशन, आपदा प्रबंधन और सामाजिक सेवा कार्यों में निभाई जा रही भूमिका की सराहना की।
एनसीसी के विस्तार में सक्रिय भूमिका निभाएं मंत्री ने हाल ही में 18 मई को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाली एनसीसी टीम को विशेष रूप से बधाई देते हुए कहा कि यह साहस, अनुशासन और संकल्प का प्रतीक है, जो एनसीसी युवाओं में विकसित करती है।
उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे एनसीसी के विस्तार में सक्रिय भूमिका निभाएं और इसके लिए आवश्यक संसाधन, मानव बल और आधारभूत संरचना सुनिश्चित करें।