State Archaeological Department: राज्य पुरातत्व विभाग का दावा- नरसिंहपुर के बिनैकीटोला में मिले 10 हजार साल पुराने शैलचित्र
नरसिंहपुर की करेली तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत नयाखेड़ा के आदिवासी ग्राम बिनैकीटोला में शक्कर नदी किनारे बिखरे पाषाणकालीन शैलचित्रों के लिए राज्य पुरातत्व की टीम द्वारा सर्वे कराया गया है। यहां कराए गए परीक्षण के बाद चार नए शैलाश्रय-शैलचित्रों की पुष्टि की गई है। इस तरह पूर्व वर्षों से लेकर अब तक यहां पर पुरातन सभ्यता से जुड़े प्रमाणों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। पुरातत्वविदों का दावा है कि बिनैकीटोला गांव में 10 हजार साल पुरानी मानव सभ्यता के अवशेष मौजूद हैं।राज्य पुरात्व विभाग भोपाल के आयुक्त से जारी जानकारी के अनुसार डाक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर पुरातत्व शोध संस्थान भोपाल द्वारा नरसिंहपुर जिले की करेली तहसील अंतर्गत दूरस्थ गांव बिनैकीटोला में नए शैलाश्रय की खोज के लिए पूर्व में एक दल गठित किया था। इसके तहत पिछले दिनों सर्वे टीम के सदस्यों ने शक्कर नदी किनारे दोनों ही तट पर करीब 5 किलोमीटर की परिधि में पुराने खोजे गए सात शैलाश्रय को देखा। इनकी मार्किंग कराने के साथ इन्हें जीपीआरएस लोकेशन से जोड़ा गया।शैलाश्रयों की नंबरिंग कर दस्तावेजीकरण से उक्त स्थल को पंजीकृत किया गया। विभाग के अनुसार नए खाजे गए शैलाश्रय मध्यपाषाण काल के हैं। सर्वे टीम के अनुसार नए शैलाश्रय की संख्या बढ़ सकती है।सर्वे टीम ने बताया कि गत वर्ष मिले शैलाश्रय के शैल चित्र करीब 1 से 2 हजार वर्ष पहले के थे लेकिन अब के हाल के सर्वे में मिले नए शैलाश्रयों से मानव सभ्यता के करीब 7 से 10 हजार साल पहले की जानकारी सामने आई है। राज्य पुरातत्व विभाग के अनुसार बिनैकीटोला में प्राप्त इन शैलाश्रयों से लघु पाषण उपकरण और पाषण की ब्लेड, नाइफ बोरर प्लेक जैसे महत्वपूर्ण टूल्स भी मिले हैं, जिससे यहां पर मानव की सभ्यता और उसके रहन सहन व शिकार करने के तरीकों को बताता है।विभाग के अनुसार हालांकि अभी और भी पड़ताल की जाना बाकी है। विदित हो कि नरसिंहपुर जिले में नर्मदा कछार, शक्कर नदी तटों के पास पाषाण-पुरापाषाणकालीन सभ्यता के अंश भी पूर्व वर्षों में प्राप्त हो चुके हैं। कई स्मारकों को पुरातत्व विभाग ने संरक्षित भी घोषित किया है।