गवाही देने पर एपीसी को पीटने वाले शिक्षक निलंबित
रतलाम में एक जनशिक्षक व शिक्षक ने मिलकर गवाही देने के विरोध में जिला शिक्षा केंद्र के एपीसी के साथ कमरे में बंद कर मारपीट कर दी। एपीसी ने जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) के साथ जाकर घटना कलेक्टर राजेश बाथम को बताई। एपीसी की शिकायत पर पुलिस ने जनशिक्षक व शिक्षक पर केस दर्ज कर लिया है। गुरुवार शाम को दोनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। कार्रवाई जिला पंचायत सीईओ शृंगार श्रीवास्तव ने की है।
जिला शिक्षा केंद्र में पदस्थ सहायक परियोजना समन्वयक (एपीसी) राजेश कुमार झाला ने जनशिक्षक पलसोड़ी रमेश बोरिया एवं मोरवनी के प्राथमिक स्कूल के शिक्षक दिलीप राठौर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। रिपोर्ट में बताया कि बुधवार शाम को वह जनपद शिक्षा केंद्र के एमआईएस एवं ऑपरेटर रुम में काम कर रहे थे। तभी जनशिक्षक रमेश बोरिया ने पास के बीआरसी के कमरे में बुलाया।
यहां पहले से शिक्षक दिलीप राठौर बैठा था। कमरे में अंदर जाने के बाद ही दोनों ने कमरा बंद कर गाली गलौज कर झूमाझटकी व मारपीट की। जेब फाड़ दी। चश्मा भी तोड़ दिया। मुझे कहा कि मेरे खिलाफ गवाही क्यों दी है। भविष्य में नेता नगरी करोगे तो जान से मार देंगे।
थाना स्टेशन रोड पुलिस ने धारा 127(2). 296, 115, 351(2), 3(5) बीएनएस के तहत केस दर्ज किया है।
सीईओ शासकीय प्राथमिक स्कूल मोरवनी स्कूल के शिक्षक दिलीप राठौड़ तथा जन शिक्षक मूल पद उच्च श्रेणी शिक्षक रमेश चंद्र बोरिया को मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम के विरुद्ध कृत्य करने पर निलंबित कर दिया है।
आरोपी का पूर्व में बीआरसी से हो चुका है विवाद दरअसल, करीब पांच माह पूर्व आरोपी जनशिक्षक रमेश बोरिया का विवाद रतलाम जनपद शिक्षा केंद्र में पदस्थ रहे तत्कालीन बीआरसी विवेक नागर व जिला शिक्षा केंद्र के कर्मचारी गोपाल शर्मा से हो चुका है। रमेश बोरिया ने मारपीट का आरोप लगाते हुए बीआरसी नागर व कर्मचारी शर्मा के खिलाफ स्टेशन रोड थाने में शिकायत की थी।
उस समय नागर ने भी जनशिक्षक के खिलाफ शिकायत की। नागर व शर्मा के खिलाफ स्टेशन रोड थाना पुलिस ने मारपीट, एससीएसटी के तहत केस दर्ज किया था। पिछले माह कोर्ट से जमानत निरस्त होने पर दोनों को जेल भेज दिया। दो दिन बाद जमानत हुई।
इसी घटनाक्रम में फरियादी एपीसी राजेश झाला ने भी गवाही दी है। इसी बात से नाराज होकर जनशिक्षक बोरिया ने अपने साथी शिक्षक के साथ मिलकर मारपीट की।
एपीसी राजेश झाला ने बताया कि घटनाक्रम के बाद डीपीसी को अवगत कराया। उन्हीं के साथ कलेक्टर के पास गया। घटनाक्रम बताया। गवाही देने में अकेला नहीं हूं। 20 लोग और हैं उन्हें समझाया। लेकिन कमरे में बुलाकर मारपीट की।