. उच्च शिक्षा में MP ऑनलाइन के बदलें नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय स्वागत योग्य – अभाविप
MP ऑनलाइन के भ्रष्ट्राचार को अभाविप ने किया था उजागर।
मध्यप्रदेश में वर्ष 2018-19 से शासकीय विश्वविद्यालय से एफिलिएटेड कॉलेजों के समस्त विषयों, कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए MPonline पोर्टल का ही उपयोग किया जा रहा था
जिसने छात्रों से वसुले जा रहे शुल्क का कुछ हिस्सा जो कि MOU अनुसार DHE को निर्धारित समय सीमा में न देकर शासन को लगभग 20 करोड रुपए का नुकसान पहुंचाया है। अभाविप ने जून 2024 में शिक्षा मंत्री का घेराव कर MP ऑनलाइन के भ्रष्टाचार से अवगत कराया था व MP ऑनलाइन एजेंसी को ब्लेक लिस्ट कर कार्यवाही की मांग की थी। उच्च शिक्षा में MP ऑनलाइन के बदलें नई व्यवस्था लागू करना यह अभाविप के संघर्ष की जीत है। अभाविप का सुस्पष्ट रूप से मानना है कि भविष्य में किसी भी एजेंसी द्वारा गड़बड़ी आने पर दंडात्मक कार्यवाही की जाए।
अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री कु शालिनी वर्मा एवं प्रांत मंत्री श्री केतन चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से बताया कि विगत 6 वर्षों से एमपी ऑनलाइन ने शासन के नाम का भरपूर उपयोग कर बदले में शासन को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया है,आज का विद्यार्थी भ्रष्टाचार युक्त नहीं अपितु गुणवत्ता युक्त शिक्षा चाहता है। एमपी ऑनलाइन जैसे घोटालों से प्रदेश के विद्यार्थी और अभिभावकगण का भी शिक्षा के प्रति विश्वास घटता है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षणिक सत्र 2025-26 से ऑनलाइन सेंट्रलाइज्ड प्रवेश प्रक्रिया के लिए नई आउटसोर्सिंग एजेंसी को जिम्मेदारी देने से पारदर्शी तंत्र विकसित होगा ऐसी संभावना है।