भाजपा विधायक संजय पाठक से जुड़ी तीन खनन कंपनियों द्वारा स्वीकृति से अधिक खनन करने पर सरकार 443 करोड़ से अधिक की वसूली निकालने जा रही है। जीएसटी के बाद यह राशि और बढ़ सकती है। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जबाव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से यह लिखित जबाव दिया गया है।
जवाब में बताया गया है कि जबलपुर के सिहोरा में आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन, निर्मला मिनरल्स और पैसिफिक एक्सपोर्ट द्वारा स्वीकृत मात्रा से अतिरिक्त खनन करने के बावजूद शासन को 1,000 करोड़ रुपए की राशि जमा नहीं की गई। इसकी शिकायत आशुतोष मनु दीक्षित की ओर से ईओडब्ल्यू में 31 जनवरी 2025 को की गई थी।
शिकायत के आधार पर मप्र खनिज साधन विभाग ने 23 अप्रैल को एक जांच दल गठित किया था। जांच दल ने 6 जून को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है, जिसमें तीनों खनन कंपनियों पर 443 करोड़ 4 लाख, 86 हजार 890 रुपए की वसूली निकाली गई है। इस राशि पर जीएसटी की वसूली अगल से तय की जाएगी। सरकार ने बताया, जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
कंपनियों ने कहा-टीम ने बिना निरीक्षण बनाई रिपोर्ट
उधर, आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन एवं निर्मला मिनरल्स ने इस मामले में अपना स्पष्टीकरण जारी किया है। कंपनियों की ओर से कहा गया, हम पिछले 70 वर्षों से खनिज का व्यापार कर रहे हैं। हमारी फर्म सीएल पाठक एंड संस को लगभग 115 वर्षों माइनिंग के काम का अनुभव है। इतने सालों में फर्म पर रॉयल्टी या टैक्स चोरी की कोई शिकायत नहीं है।
हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारी खदान से कभी भी कोई ओवर प्रोडक्शन नहीं हुआ और जितना भी मटेरियल खदानों से बिका, उस पर रॉयल्टी, सेल्स टैक्स व जीएसटी चुकाया गया है। पूर्व में इस मामले में एक जांच की गई थी, जिसमें जांच के बाद कोर्ट ने सभी आरोपों को तथ्यहीन पाते हुए विभागीय आदेश को निरस्त कर दिया था।
कंपनियों का कहना है कि यह रिपोर्ट तैयार करने वाले जांच दल ने हमारी किसी खदान का निरीक्षण नहीं किया न ही किसी प्रतिनिधि से संवाद किया। यह रिपोर्ट वास्तविक तथ्यों या आंकड़ों के बजाए अनुमानित आंकड़ों के आधार पर है। हमने इस संबंध में पीएस खनिज को पत्र भेजकर सुनवाई का अवसर मांगा, लेकिन विभाग का जवाब नहीं आया।
भारतीय खनन ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर जांच
कांग्रेस विधायक अभिजीत शाह और हेमंत कटारे की ओर से मंगलवार को यह सवाल लगाया गया था। पूछा गया था कि आशुतोष मनु श्रीवास्तव की शिकायत पर क्या कार्यवाही की है? मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान अवैध खनन से जुड़े कुल 4 सवाल लगाए गए थे। सूत्रों के मुताबिक जांच दल ने उपग्रह डेटा और भारतीय खनन ब्यूरो की रिपोर्टों के आधार पर स्वीकृत मात्रा से अधिक और अवैध खनन की शिकायत को सही पाया है।