बरसात के मौसम में जमीन पर सोना कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है। इसकी वजह है कि सांप अक्सर सूखी और सुरक्षित जगह की तलाश में घरों में घुस आते हैं। भोपाल की 12 नंबर बस्ती में रहने वाली रेनू (बदला हुआ नाम) और उनका 3 साल का बेटा इसी का शिकार हो गए। दोनों जमीन पर सो रहे थे, तभी जहरीला कॉमन करैत घर में घुस आया और पहले बच्चे को सिर पर और फिर मां के पैर पर काट लिया। हालत गंभीर होने पर दोनों को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 10 दिन तक बच्चा वेंटिलेटर पर रहा। डॉक्टरों की मेहनत और समय पर इलाज से अब मां-बेटे की जिंदगी सुरक्षित है।

बच्चा सांस नहीं ले पा रहा थाशुरुआत में परिजन उन्हें जेपी अस्पताल ले गए, जहां से तत्काल हमीदिया रेफर कर दिया गया। बच्चा अस्पताल पहुंचते ही सांस नहीं ले पा रहा था, इसलिए तुरंत वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। शिशु रोग विभाग की डॉ. पूर्वा गोहिया और उनकी टीम ने तुरंत एंटी-स्नेक वेनम (ASV) देना शुरू किया। शुरुआती असर कम था, इसलिए कुल 40 वायल दवा लगानी पड़ी। चौथे दिन बच्चे ने आंखें खोलीं और धीरे-धीरे स्वास्थ्य में सुधार हुआ।

सिर पर डंस और हाई ब्लड प्रेशर थी चुनौती सर्पदंश सिर के पीछे हुआ था, जो बेहद असामान्य है। सिर पर सांप के काटने से जहर सीधे दिमाग पर असर करता है। ऐसे में जहर के प्रभावों को कंट्रोल करना एक बड़ी चुनौती बन जाता है। इसके साथ, जहर के असर से बच्चे का ब्लड प्रेशर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया था। सामान्य दवाएं असर नहीं कर रहीं थीं, इसलिए विशेष दवाओं और कैल्शियम ग्लूकोनेट इन्फ्यूजन से ब्लड प्रेशर नियंत्रित किया गया।
टीमवर्क से मिली सफलता डॉ. पूर्वा गोहिया के नेतृत्व में डॉ. क्षिप्रा, डॉ. प्रतिभा, डॉ. विनोधिनी, डॉ. सौम्या, डॉ. शिवांशु और डॉ. कृतिका की टीम ने आईसीयू में 24 घंटे निगरानी रखी। धीरे-धीरे बच्चा सामान्य सांस लेने लगा, बोलने लगा और अब फिजियोथेरेपी से चलने की क्षमता भी लौट रही है।
गोल्डन आवर है सबसे अहम डॉ. गोहिया ने बताया कि यह केस दिखाता है कि समय पर अस्पताल पहुंचना, पर्याप्त ASV डोज़, आईसीयू केयर और टीमवर्क गंभीर सर्पदंश के मामलों में भी जीवनरक्षक साबित हो सकते हैं। बरसात में घर में नीचे या खुले स्थान पर सोते समय खास सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
परिजनों ने कहा जब चौथे दिन बेटे ने आंखें खोलीं तो हमें उम्मीद की किरण दिखी। डॉक्टरों ने लगातार स्थिति की जानकारी दी और उपचार को चरणबद्ध ढंग से आगे बढ़ाया।
प्रदेश में हर साल ढाई हजार से ज्यादा मौतें
सांप के काटने से मध्यप्रदेश में हर साल ढाई हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2020 से 2024 यानी 4 सालों में सर्पदंश के कारण करीब 10 हजार 700 लोगों की मौत हुई। हर पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपए सरकारी मुआवजा दिया गया। यानी 427 करोड़ रुपए से ज्यादा का वित्त-भार सरकार पर आया। इतनी लागत से एक 5 मंजिला स्पेशियलिटी अस्पताल शुरू हो सकता है।